नई दिल्ली : वरिष्ठ पत्रकार डाॅ. वेदप्रताप वैदिक का निधन हो गया।वे 78 वर्ष के थे।बताया जाता है कि वह नहाते समय बाथरूम में गिर गए थे, तत्काल उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्राप्त सूचना के मुताबिक ब्रेन हेमरेज होने से उनकी मौत हुई।
डाॅ. वेदप्रताप वैदिक की गणना उन राष्ट्रीय लेखकों में होती है जिन्होंने हिंदी को मौलिक चिंतन की भाषा बनाया और भारतीय भाषाओं को उनका उचित स्थान दिलवाने के लिए सतत संघर्ष किया।अंतरराष्ट्रीय मामलों के वे विशेषज्ञ माने जाते थे।
डाॅ. वेदप्रताप वैदिक का जन्म 30 दिसंबर 1944 को पौष की पूर्णिमा पर इंदौर में हुआ। वे सदा मेधावी छात्र रहे। वे रुसी, फारसी, जर्मन और संस्कृत के भी जानकार थे। उन्होंने अपनी पीएच.डी. के शोधकार्य के दौरान न्यूयार्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, मास्को के ‘इंस्तीतूते नरोदोव आजी’, लंदन के ‘स्कूल ऑफ ओरिंयटल एंड अफ्रीकन स्टडीज़’ और अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय में अध्ययन और शोध किया।
वैदिकजी नेे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की थी। वे भारत के ऐसे पहले विद्वान हैं, जिन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय राजनीति का शोध-ग्रंथ हिन्दी में लिखा।
वे लगभग 10 वर्षों तक पीटीआई भाषा (हिन्दी समाचार समिति) के संस्थापक-संपादक और उसके पहले नवभारत टाइम्स के संपादक (विचारक) रहे। राष्ट्रीय समाचार पत्रों और विदेशों के लगभग 200 समाचार पत्रों में भारतीय राजनीति और अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर डाॅ. वैदिक के लेख हर सप्ताह प्रकाशित होते थे।
डॉ. वैदिक का अंतिम संस्कार बुधवार 15 मार्च को शाम 4 बजे लोधी क्रीमेटोरियम नई दिल्ली में होगा। इसके पूर्व अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर गुरुग्राम स्थित निवास पर सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक रखा जाएगा। इंदौर में रहने वाले परिजन भी उनके अंतिम संस्कार में भाग लेने नई दिल्ली रवाना हो गए हैं।