जिला कोर्ट में लोक अदालत के जरिए साढ़े तीन हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण

  
Last Updated:  September 12, 2021 " 04:17 am"

इंदौर जिले में लंबित प्रकरणों के आपसी समझौते के साथ त्वरित निराकरण के‍ लिये शनिवार को नेशनल लोक अदालत संपन्न हुई। लोक अदालत में तीन हजार 580 प्रकरणों का निराकरण कर 73 करोड़ रूपये से अधिक राशि के अवार्ड/डिक्री/वसूली के आदेश पारित किए गए। जिला न्यायालय इन्दौर में आयोजित इस नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दिनेश कुमार पालीवाल द्वारा महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर जिला न्यायालय के समस्त न्यायाधीशगण, विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल अभिभाषकगण, विद्युत विभाग के अधिकारीगण, न्यायिक कर्मचारी आदि उपस्थित थे।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मनीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि नेशनल लोक अदालत के लिए जिला मुख्यालय इन्दौर में कुल 50 खण्डपीठ, अम्बेडकर नगर में 09 खण्डपीठ, सांवेर में 02 खण्डपीठ, देपालपुर में 04 खण्डपीठ, हातोद में 01, इस प्रकार कुल 66 खण्डपीठों का गठन किया गया था।
लोक अदालत में मोटर दुर्घटना से संबंधित 596 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 16 करोड़ 26 लाख 65 हजार 227 रूपये के अवार्ड पारित हुए। इसी तरह सिविल के 80 प्रकरण, विद्युत अधिनियम के 152 प्रकरण, चेक अनादरण के 1045 प्रकरण, राजीनामा योग्य 91 दाण्डिक प्रकरण, वैवाहिक विवाद के 207 प्रकरण, श्रम के 20 प्रकरण, 386 समरी प्रकरण अशमनीय प्रकृति के निराकृत होकर विभिन्न प्रकृति के कुल दो हजार 579 प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से हुआ। इसके अतिरिक्त बैंक रिकवरी के प्री-लिटिगेशन के 1001 प्रकरण भी निराकृत हुए। निराकृत प्रकरणों में कुल 77 लाख 07 हजार 381 रूपये की वसूली हुई।
इसके अलावा नगर पालिका निगम इन्दौर द्वारा संपत्ति कर के 2510 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में 5 करोड़ 10 लाख रूपये, जलकर के, 675 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में 51 लाख रूपये तथा स्वच्छता से संबंधित प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में 6 लाख 73 हजार 654 रूपये, कुल 5 करोड़ 67 लाख 73 हजार 654 रूपये का राजस्व वसूला गया। इसी प्रकार यातायात पुलिस द्वारा पंजीबद्ध किए गए 1090 प्रकरण जो न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हुए थे, में शमन करते हुए 6 लाख 57 हजार 700 रूपये शमन शुल्क के रूप में वसूले गये। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी इन्दौर की लोक अदालत खण्डपीठ द्वारा ड्रायविंग लायसेंस निलंबन, परमिट निलंबन और परमिट रद्द करण से संबंधित कुल 894 प्रकरणों का निराकरण किया गया। नेशनल लोक अदालत के साथ ही जन उपयोगी लोक अदालत के माध्यम से 03 प्रकरणों में समझौते के आधार पर निराकरण किया गया।
प्रधान जिला न्यायाधीश दिनेश कुमार पालीवाल के न्यायालय में विचाराधीन मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण रसीदा खान एवं अन्य विरूद्ध फ्यूचर जनरल इंश्योरेंस कंपनी में दराज खान उम्र 38 वर्ष की वाहन दुर्घटना में मृत्यु होने के फलस्वरूप 53 लाख रूपये में राजीनामा हुआ। इसी प्रकार शहाबुद्दीन हाशमी के न्यायालय में विचाराधीन मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण में राजेन्द्र भाटी उम्र 37 वर्ष की वाहन दुर्घटना के फलस्वरूप हुई मृत्यु में बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा 45 लाख रूपये में राजीनामा किया गया। इसी प्रकार चैक बाउन्स वाले प्रकरणों में न्यायिक मजिस्ट्रेट भूपेन्द्र आर्य के न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण टाटा केमिकल फायनेशियल सर्विस विरूद्ध गुरूदेव मनी इन्टरप्राईजेस मं 3 करोड़ 25 लाख 54 हजार 535 रूपये के प्रश्नगत चैक के संबंध में राजीनामा के आधार पर प्रकरण का निराकरण हुआ। न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री शरद जोशी के न्यायालय के विचाराधीन चैक बाउन्स के 2 प्रकरण, जिनमें 2 करोड़ से अधिक की राशि के चैक प्रश्नगत थे, में भी राजीनामा के आधार पर प्रकरणों का निराकरण किया गया। इसी प्रकार न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री प्रीतम बंसल के न्यायालय में 25 करोड़ के चैक के संबंध में प्रस्तुत प्रकरण संजय बाहेती विरूद्ध कैलाश बाहेती भी लोक अदालत में निराकृत हुआ।
लोक अदालत को सफल बनाने में सक्रिय भागीदारी करने वाले सभी अधिवक्ताओं, सभी बीमा कम्पनियों के अधिकारियों, अधिवक्ता संघ इन्दौर एवं सभी न्यायिक कर्मचारियों, विद्युत विभाग, सभी शामिल बैंकों का आभार ज्ञापित किया गया है।

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