इंदौर : संझा लोकस्वामी के प्रबंध सम्पादक जीतू सोनी के आशियाने सहित तमाम ठिकानों पर शासन-प्रशासन कहर बनकर टूट पड़ा। गीता भवन स्थित होटल माय होम, साउथ तुकोगंज स्थित होटल बेस्ट वेस्टर्न, पलासिया स्थित ओ-टू कैफे और कनाड़िया रोड पर आलोक नगर स्थित बंगले को प्रतिशोध के हथौड़े व जेसीबी से ध्वस्त कर दिया। प्रदेश में किसी मीडिया मालिक के ठिकानों पर की गई अबतक की ये सबसे बड़ी कार्रवाई है।
अलसुबह ही शुरू कर दी कार्रवाई।
तीन दिन पहले नोटिस थमाने के बाद जवाब की प्रतीक्षा किये बिना गुरुवार को जीतू के घर और व्यावसायिक ठिकानों पर धावा बोल दिया गया। सूत्रों के मुताबिक तोड़फोड़ की योजना एक दिन पहले ही बना ली गई थी। बुधवार रात को ही होटल माय होम और बेस्ट वेस्टर्न को खाली कराने के लिए अधिकारी पहुँच गए थे। बेस्ट वेस्टर्न होटल में ठहरे यात्रियों को भी रात में ही बाहर निकाल दिया गया। मजदूरों की मदद से थोड़ा बहुत सामान निकलवाने की औपचारिकता पूरी की गई। गुरुवार अलसुबह जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारी पूरे लाव लश्कर के साथ जीतू के घर, दोनों होटल व कैफे पर पहुंच गए । नगर निगम के तीनों अपर आयुक्त, तमाम जोनल अधिकारी, बीओ, बीआई, सैकड़ों निगमकर्मियों के साथ ही बड़ी तादाद में मजदूरों को रिमूवल की इस बड़ी कार्रवाई में लगाया गया था। इसी के साथ दर्जनों जेसीबी और पोकलेन मशीनें भी रिमूवल में लगाई गई। अधिकारियों को अंदेशा था कि कार्रवाई पर स्टे आ सकता है इसीलिए सुबह का वक़्त कार्रवाई के लिए चुना गया। दोनों होटल, कैफे और बंगले पर एक साथ तोड़फोड़ शुरू की गई। भारी पुलिस बल भी इस दौरान तैनात रखा गया।
आशियाना मलबे में तब्दील।
कनाड़िया रोड पर आलोक नगर स्थित जीतू सोनी का आशियाना निगम के अमले ने जेसीबी और पोकलेन मशीनों के जरिये ध्वस्त कर दिया। प्रशासन का दावा था कि ये बंगला नजूल की जमीन पर अवैध रूप से बना था। करीब 5 हजार स्क्वेयर फ़ीट में बना बंगला कुछ ही देर में मलबे के ढेर में तब्दील हो गया। बताया जाता है कि कार्रवाई के दौरान सोनी परिवार का कोई सदस्य घर में मौजूद नहीं था। घर का सामान पास के खाली प्लॉट पर रखा पाया गया।
माय होम को बना दिया खंडहर।
गीता भवन क्षेत्र स्थित जीतू सोनी के होटल माय होम को तोड़फोड़ कर खंडहर में तब्दील कर दिया गया। 4 से 6 जेसीबी व पोकलेन मशीनें और हथौड़े लिए सैकड़ों निगमकर्मी यहां रिमूवल में लगाए गए थे। बिजली के तार काटने के बाद सामने बना पोर्च व बाउंड्रीवाल, जेसीबी के जरिये गिरा दी गई। इसके अलावा होटल की सभी मंजिलों की दीवारें हथौड़ों की मदद से तोड़ी गई। शासन- प्रशासन को होटल तोड़ने की इतनी जल्दी थी कि सामान भी पूरी तरह नहीं हटाया गया। कमरों में रखे टीवी, पंखे, कूलर, फर्नीचर, अलमारियां, बिस्तर और कपड़े यहां- वहां बिखरने के साथ मलबे में दब रहे थे। चारों ओर से होटल को इस तरह ध्वस्त किया गया कि वह खंडहर में तब्दील हो गई।
बेस्ट वेस्टर्न की शक्ल बिगाड़ी।
साउथ तुकोगंज स्थित होटल बेस्ट वेस्टर्न में तोड़फोड़ के लिए भी सैकड़ों निगमकर्मी व मजदूर झोंके गए। होटल के अगले हिस्से में बनी बाउंड्रीवाल और एमओएस के निर्माण को बुलडोजर की मदद से तोड़ा गया जबकि ऊपरी मंजिलों पर मजदूरों से हथौड़े चलवाकर दीवारों को धराशायी किया गया। प्रशासन का दावा था कि यहां पार्किग व एमओएस की जगह पर अवैध निर्माण कर लिया गया था। इसके अलावा बालकनी की खुली जगह को भी कवर किया गया था। बताया जाता है कि इस होटल में भी प्रशासन ने सामान निकालने की मोहलत नहीं दी। तोड़फोड़ में होटल के फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व अन्य सामान को खासा नुकसान पहुंचा।
स्टे आने पर रुकी कार्रवाई।
बेस्ट वेस्टर्न में तोड़फोड़ की कार्रवाई चल ही रही थी कि करीब 11.30 बजे हाईकोर्ट द्वारा स्टे ऑर्डर जारी किए जाने की खबर आ गई। इसके बाद आनन- फानन में कार्रवाई रोक दी गई। होटल प्रबंधन की ओर से केस लड़ रहे अभिभाषक विशाल बाहेती ने बताया कि हाईकोर्ट ने होटल प्रबन्धन को जवाब पेश करने के लिए 7 दिन का समय दिया है।
ओ- टू कैफे पर भी चले हथौड़े।
पलासिया स्थित जीतू सोनी के ओ- टू कैफे पर भी प्रशासन का कहर टूटा। यहां कैफे के आगे के हिस्से में किये गए निर्माण को जेसीबी के जरिये तोड़ा गया वहीं अन्य हिस्सों को हथौड़े चलाकर ध्वस्त किया गया। प्रशासन का दावा है कि यहां भी नक्शे के विपरीत अवैध रूप से निर्माण कर लिया गया था, उसे तोड़ा गया है।