जो स्वयं कामनाओं में डूबे हैं, वे भक्तों का कल्याण कैसे करेंगे – स्वामी ज्योतिर्मयानंद गिरि

  
Last Updated:  December 10, 2022 " 11:34 pm"

भागवत कथाओं में हो रही उछल कूद और नाच-गानों पर महामंडलेश्वर ने कथाकारों को लिया आड़े हाथों।

बिजासन रोड स्थित अखंड धाम आश्रम पर 55वें अ.भा. अखंड वेदांत संत सम्मेलन में पहुंचे युगपुरुष स्वामी परमानंद।

इंदौर : युग पुरुष स्वामी परमानंद गिरि महाराज (हरिद्वार) के शिष्य, महामंडलेश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानंद गिरि ने शनिवार को बिजासन रोड स्थित अखंड धाम आश्रम पर चल रहे 55वें अ.भा. अखंड वेदांत संत सम्मेलन में उन भागवत कथाकारों को आड़े हाथों लिया, जो भागवत कथा के नाम पर कथा में नाचते-गाते हैं और फिल्मी गीतों पर उछलते-कूदते हैं। वे कथाकार भी इसमें कम जिम्मेदार नहीं हैं, जो व्यासपीठ पर बैठकर धनार्जन में जुटे हुए हैं। जो स्वयं कामनाओं में डूबे हुए हैं, वे भागवत कथा सुनाकर भक्तों का कल्याण कैसे करेंगे। विडंबना तो यह भी है कि अनेक लोग ऐसे भी हैं, जो व्यासपीठ पर नशा कर बैठते हैं और लोगों को उसके फायदे बताते हैं। इस तरह से कथाओं के नाम पर जो कुछ हो रहा है, उस पर गंभीरता से ध्यान देना होगा।

स्वामी ज्योतिर्मयानंद ने यह उदबोधन अपने गुरू, युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरि एवं जगदगुरू शंकराचार्य भानपुरा पीठाधीश्वर स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ एवं अन्य संतों की मौजूदगी में दिया। उनके इस उदबोधन को राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक रमेश मेंदोला, म.प्र. मेला प्राधिकरण तीर्थ दर्शन समिति के अध्यक्ष माखनसिंह चौहान, भाजपा के जिलाध्यक्ष डॉ. राजेश सोनकर, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे सहित अनेक पार्षदों ने भी सुना।

इसके पूर्व युग पुरुष स्वामी परमानंद एवं जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ के आश्रम आगमन पर महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप, संत राजानंद, आयोजन समिति के अध्यक्ष हरि अग्रवाल, संयोजक निरंजनसिंह चौहान गुड्डू, सचिन सांखला, भावेश दवे, दीपक चाचर, ठा. विजयसिंह परिहार, सरस्वती पेंढारकर, वर्षा जैन, किरण ओझा, सीमा सेन, राजेश अग्रवाल, मोहनलाल सोनी, प्रभुसिंह राजपूत आदि ने उनका स्वागत किया। संत सम्मेलन में मुंबई से आए महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानंद, वृंदावन के महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश्वरानंद, रतलाम के महामंडलेश्वर स्वामी स्वरूपानंद एवं स्वामी देवस्वरूपानंद, आष्टा से आई साध्वी कृष्णादेवी, सारंगपुर से आई साध्वी अर्चना दुबे, स्वामी नारायणानंद, डाकोर से आए स्वामी देवकीनंदन दास, उज्जैन से आए स्वामी वीतरागानंद, सोनकच्छ से आए स्वामी लोचनदास सहित अनेक संतों ने वेदांत दर्शन एवं जीवन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अपने प्रभावी विचार व्यक्त किए। मंच का संचालन स्वामी नारायणानंद एवं हरि अग्रवाल ने किया।

रविवार, 11 दिसंबर के कार्यक्रम।

संत सम्मेलन के स्वागताध्यक्ष वीरेन्द्र गुप्ता एवं अध्यक्ष हरि अग्रवाल ने बताया कि रविवार 11 दिसम्बर को दोपहर 2 बजे से अ.भा. अखंड वेदांत संत सम्मेलन की कार्रवाई जगदगुरू शंकराचार्य एवं युग पुरुष स्वामी परमानंद गिरि के सान्निध्य में प्रारंभ होगी। संत सम्मेलन में मुंबई से आए महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानंद, वृंदावन के महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश्वरानंद, रतलाम के महामंडलेश्वर स्वामी स्वरूपानंद एवं स्वामी देवस्वरूपानंद, साध्वी कृष्णादेवी, साध्वी अर्चना दुबे, स्वामी नारायणनानंद आदि संत संबोधित करेंगे।

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