♦️ नरेंद्र भाले ♦️
एक आकर्षक एवं लुभावने मिश्रण का नाम है दिल्ली कैपिटल। तरुणाई और अनुभव का ऐसा तालमेल जो लक्ष्य दे भी सकता है और हासिल भी कर सकता है। चतुर व्यापारी की तरह कमरन पूंजी में भरपूर लाभ कमाने में उस्ताद है।
बेहद जानलेवा आगाज किया जोफ्रा आर्चर ने। मैच की पहली ही गेंद लगभग 150 किलोमीटर की रफ्तार से पृथ्वी शॉ के स्टंप ले उड़ी। आर्चर को अनुभवी अजिंक्य राहणे भी समझ नहीं पाए तथा अपना विकेट दे बैठे। आक्रमण पर त्यागी और बेन स्टोक्स के आते ही स्कोर बोर्ड रफ्तार पकड़ने लगा और पावर प्ले में 2 विकेट खोने के बावजूद 47 तक पहुंच गया। यहां से कप्तान श्रेयस अय्यर और शिखर धवन ने मोर्चा संभाल लिया। श्रेयस चतुर कप्तान है , वे स्ट्राइक रोटेट कर धवन को मौका देते रहे। जहां धवन का स्ट्राइक रेट 185 का था वहीं उनका केवल 85 का। तीन चौके तथा दो छक्कों के साथ 50 रन बनाने के बाद वे तीसरे शिकार के रूप में त्यागी के हत्थे चढ़ गए।
दूसरी तरफ धवन खराब शॉट खेलकर श्रेयस गोपाल का शिकार बने लेकिन तब तक वे छह चौके तथा दो छक्कों के साथ अपने 50 रन पूरे कर चुके थे। आर्चर ने खतरनाक स्टोइनिस को वापस भेज कर राजस्थान को राहत प्रदान की, इसके बावजूद दिल्ली राम राम करते हुए 161 तक पहुंच गई। अर्चर ने 3 विकेट के साथ दो उम्दा कैच लपक कर अपनी प्रतिभा को उजागर किया।
दिल्ली के विपरीत राजस्थान के बेन स्टोक्स ने पर्पल कैप धारी रबाडा का पहली गेंद पर स्वागत चौके से किया। पदार्पण कर रहे तुषार देशपांडे के पहले ही ओवर में 11 रन आए और फिर बटलर ने एनरिच की 148 किलोमीटर रफ्तार की पहली गेंद छक्के के लिए उछाल दी। 150 और 152 किलोमीटर की रफ्तार की गेंदे बटलर ने ऑफ स्टम्प से बाहर जाकर लाँग लेग की तरफ लगातार दो चौकों के रूप में भेज दी। फिर आई स्पर्धा की सबसे तेज गेंद। उनकी 154 रफ्तार की गेंद बटलर के संक्षिप्त रूद्र रूप को शांत कर गई।
दूसरे छोर से स्टोक्स ने उम्दा प्रहार किए और छह चौकों के साथ 34 गेंदों में 42 रनों की पारी खेल कर तुषार को पहली सफलता दे गए। अश्विन ने कप्तान स्मिथ को जहमत उठाने ही नहीं दी जबकि संजू सैमसन 102 मीटर का छक्का उड़ाने के बाद 18 गेंदों में 25 रन बनाकर अक्षर पटेल का शिकार बन गए।
रॉबिन उथप्पा (32) जब तक विकेट पर थे राजस्थान को जीत की राह नजर आ रही थी। अचानक रेयान पराग उनके गलत कॉल से रन आउट हो गए। छक्का मास्टर तेवतिया का आसान कैच एनरिच ने सीमा रेखा पर छोड़ दिया। उस समय ऐसा लग रहा था कि कैची नहीं मैच भी हाथों से फिसल गया। तीन ओवर में 29 एवं दो ओवर में 25 रनों की जरूरत थी। यहां रबाडा ने मात्र 2 रन और अगले ओवर में एनरिच ने 4 रन देकर उथप्पा को डगआउट में भेज दिया।
अंतिम ओवर में पदार्पण नरेश तुषार देशपांडे ने श्रेयस गोपाल का विकेट लेकर दिल्ली को 13 रन से विजय दिलाई। तेवतिया का प्रहार जो छक्के के लिए जा रहा था राहणे ने जिस अंदाज में छलांग लगाकर मैदान के अंदर ही रोक लिया वहं उम्दा क्षेत्ररक्षण का उत्कृष्ट नमूना था। वाकई इस मैच को दिल्ली ने राजस्थान के हलक से ही निकाल लिया।यह मेहनतकश विजय दूसरी टीमों के लिए चेतावनी हैं।