इंदौर : “शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को संवेदनशील बनाना एवं उसमें परोपकार की भावना को जागृत करना है। कुदरत ने मानव को श्रेष्ठ बनाया है। उसे सोचने व बोलने की क्षमता प्रदान की है, इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करें। विश्वविद्यालय में अध्ययन के दौरान जो ज्ञान विद्यार्थियों को प्राप्त हुआ है, उसे वे अपने आचरण में समाहित करें। छात्र-छात्राओं से अपेक्षा है कि वे देश के विकास में अपना सर्वस्व न्यौछावर करें। यह बात विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के तक्षशिला परिसर में आयोजित दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही।
इस अवसर पर संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, विशिष्ट अतिथि सदस्य सचिव इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली डॉ. सच्चिदानंद जोशी, कुलपति रेणु जैन, कुलाधिसचिव अशोक शर्मा, कुलसचिव अनिल शर्मा कार्य परिषद के सदस्य, प्राध्यापकगण तथा विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
सिकल सेल एनीमिया को बढ़ने से रोकने का करें प्रयास।
राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा कि इस विश्वविद्यालय को लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर का नाम दिया गया है। उनकी स्मृति को मैं सादर नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि वे इस दीक्षांत समारोह में शामिल होकर अत्यंत खुशी की अनुभूति कर रहे हैं। आज का दिन जितना महत्वपूर्ण विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए है उतना ही उनके अभिभावकों एवं विश्वविद्यालय के शिक्षकों के लिए भी है, जिन्होंने विद्यार्थियों को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए महती भूमिका निभाई है। राज्यपाल पटेल ने सभी विद्यार्थियों का आवाहन करते हुए कहा कि वे सिकल सेल एनीमिया को बढ़ने से रोकने के लिए शासन द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान में शामिल हो। उन्होंने कहा कि सिकल सेल एनीमिया का इलाज नहीं है पर हम इसे बढ़ने से रोक सकते हैं। इसके साथ ही समय पर नवजात शिशुओं का उपचार हो इसके लिए भी उनकी जांच कराना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमारे छात्र-छात्राएं जब भी आदिवासी क्षेत्रों में जाए। तो वहां के लोगों को सिकल सेल एनीमिया के प्रति जागरूक करें और इसकी जांच तथा उपचार कराने के लिए प्रेरित करें।
ज्ञान को प्रज्ञान में परिवर्तित करना ही सच्चे विद्यार्थी की पहचान।
मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि सिर्फ ज्ञान अर्जित करना ही एक विद्यार्थी का कर्तव्य नहीं है बल्कि उस ज्ञान को प्रज्ञान में परिवर्तित करना ही सच्चे विद्यार्थी की पहचान है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय में अपनी शिक्षा के दौरान जो ज्ञान प्राप्त किया है उसे अपने आचरण में ढालें तथा समाज और देश के विकास में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने शहीद दिवस के अवसर पर शहीदों को नमन किया एवं कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से अनुरोध किया कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश की उन्नति में अपना दायित्व निभाएं और अपने घरों में किसी भी एक क्रांतिकारी का चित्र अवश्य लगाएं।
देश के टॉप विश्वविद्यालय में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय भी शामिल होगा।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विद्यार्थी केवल शिक्षित नहीं बल्कि सुशिक्षित हो यह अति आवश्यक है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के छात्र विभिन्न क्षेत्रों में अपना कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यहां के छात्र आगे भी इसी तरह हमें गौरवान्वित करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में देश के टॉप विश्वविद्यालय में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय को सम्मिलित करने का संकल्प हम जल्द ही पूरा करेंगे।
मेरिट में आए छात्रों को वितरित किए स्वर्ण व रजत पदक।
राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में समाज विज्ञान अध्ययन शाला का शिलान्यास किया। उन्होंने देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में वर्ष 2019-20 और 2020-21 में मेरिट और शोधार्थियों को स्वर्ण और रजत पदक एवं पीएचडी की उपाधि वितरित की। इस दौरान राज्यपाल पटेल द्वारा बड़वानी अपर कलेक्टर डॉ. शालिनी श्रीवास्तव को भी पीएचडी की उपाधि से अलंकृत किया गया।