डीसीपी जैन का दावा, अगले 6 – 7 माह में सुधार देंगे इंदौर का ट्रैफिक

  
Last Updated:  May 13, 2022 " 04:18 pm"

इंदौर में बीआरटीएस नहीं रहना चाहिए – जैन।

इंदौर : यातायात पुलिस के उपायुक्त महेश चंद्र जैन का दावा है कि अगले 6- 7 महीने में इंदौर का ट्रैफिक पूरी तरह से सुधार देंगे।अभी 80% लोग यातायात के नियमों का पालन करने लगे हैं। शेष बचे हुए 20% लोगों को नियमों का पालन करने के लिए मजबूर कर देंगे । इंदौर में बेहतर यातायात के लिए बीआरटीएस को हटाना जरूरी है।

डीसीपी ट्रैफिक श्री जैन जाल सभागृह में अभ्यास मंडल द्वारा आयोजित 61 वी ग्रीष्मकालीन व्याख्यानमाला में संबोधित कर रहे थे । शहर की यातायात समस्या पर आयोजित समूह चर्चा में उन्होंने सीधे अपनी बात ना कहते हुए नागरिकों के सवालों के जवाब के रूप में बात रखी ।

ट्रैफिक के मामले में इंदौर की नकारात्मक छवि को बदलना है।

उन्होंने कहा कि ट्रैफिक सिग्नल का समय बढ़ाने से यातायात सुगम नहीं होगा। पिछले साढे 4 महीने से हम यातायात बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं । मैं अपनी मर्जी से इस काम को करने के लिए आया हूं। हमेशा यह कहा जाता रहा है कि जिस व्यक्ति ने इंदौर में गाड़ी चला ली वह देश में कहीं भी गाड़ी चला सकता है । इस नकारात्मक छवि को बदलने का काम हमें करना है। इस समय शहर में 80% नागरिक अपने वाहन चलाने के दौरान जिम्मेदारी का व्यवहार कर रहे हैं। जो 20% गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं, उन्हें हम ठीक कर देंगे। शहर में सुगम और सुरक्षित यातायात जरूरी है। बायपास पर बनाए गए बोगदे में इतनी समस्याएं हैं कि यदि हम रोज 10 से 15 पुलिस वाले खड़े नहीं करें तो वाहन चालक कई घंटों तक वाहन लेकर नहीं निकल सके।

बीआरटीएस कॉरिडोर की जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा कि शहर की जनता को यह सोचना चाहिए कि क्या बीआरटीएस कारीडोर सही है ? उनसे पूछा गया कि आपके विचार से क्या बीआरटीएस कॉरिडोर रहना चाहिए, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इंदौर में बीआरटीएस कॉरिडोर नहीं रहना चाहिए । उन्होंने कहा कि जब माता-पिता अपने बच्चे को स्कूल छोड़ने के लिए लेकर जाते हैं तब यातायात के सारे नियम तोड़ते हैं, हम उसी समय से बच्चे को भी नियम तोड़ना सिखा देते हैं । यदि हम अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे तो स्थिति सुधरेगी।

अगले 6 – 7 माह में सुधार देंगे ट्रैफिक।

जिस तरह इंदौर स्वच्छता में नंबर वन है उसी तरह यातायात में भी नंबर वन होना चाहिए, इस बारे में डीसीपी ट्रैफिक जैन ने कहा कि अगले 6 – 7 महीने में हम इंदौर का ट्रैफिक सुधार देंगे। यातायात पुलिस में अभी 400 व्यक्ति हैं,जो कि दो शिफ्ट में कार्य कर रहे हैं । इस समय सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण स्थिति निरंजनपुर चौराहा से लेकर लसूडिया तक के क्षेत्र में है ।

शराब के नशे में गाड़ी से दुर्घटना होने पर गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज हो।

इंदौर में ई-रिक्शा से पैदा हो रही यातायात की समस्या पर उन्होंने कहा कि एक भी ई रिक्शा को परमिट नहीं दिया गया है। शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले लोगों के वाहन से लोगों की मौत होने के बारे में उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।

नगर निगम बना रहा 500 करोड़ की सड़कें।

इस परिचर्चा में भाग लेते हुए इंदौर नगर निगम के अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर ने कहा कि देश के उन शहरों में इंदौर का नाम आता है जहां पर की जनता की सहभागिता शहर की बेहतरी के लिए सबसे ज्यादा रहती है। नगर निगम द्वारा अधोसंरचना विकास का कार्य किया जा रहा है। एक तरफ जहां सड़कें चौड़ी की जा रही हैं, वहीं दूसरी तरफ चौराहों का विकास हो रहा है । इस समय नगर निगम द्वारा सड़कों के निर्माण के 500 करोड़ रुपए के काम हाथ में लिए गए हैं।

नागरिकों में हो उत्तरदायित्व का बोध।

इंदौर नगर निगम के पूर्व आयुक्त सीबी सिंह ने कहा कि 2011 की इंदौर की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी 19.84 लाख है। इस समय इस आबादी के 38.35 लाख होने का अनुमान है । इसी तरह वर्ष 2011 में इंदौर में करीब तीन लाख वाहन थे, इस समय इंदौर में 18 लाख 51 हजार वाहन हैं । इस तरह 10 साल में आबादी दुगनी हुई लेकिन वाहनों की संख्या 6 गुना हो गई है। शहर की आबादी के अलावा हर दिन 5 लाख लोग अलग-अलग कारणों से इंदौर आते हैं । इंदौर के यातायात को सुधारने के लिए यह आवश्यक है कि नागरिकों में उत्तरदायित्व का बोध हो । जब तक हम अपनी जिम्मेदारी को नहीं समझेंगे तब तक यातायात नही सुधर सकता ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यातायात विशेषज्ञ ओपी भाटिया ने कहा कि अब तक इंदौर के यातायात पर 10 से ज्यादा पीएचडी हो चुकी है । यह सभी पीएचडी साउथ के लोगों के द्वारा की गई है । शहर में यातायात सुगम और गतिशील होना चाहिए । इसके लिए विभागों में तालमेल होना आवश्यक है । इंदौर नगर निगम में ट्रेफिक इंजीनियरिंग सेल होना जरूरी है । पार्किंग, ब्लैक स्पॉट और आदर्श रोड के मुद्दों पर गहनता से विचार कर काम किया जाना चाहिए ।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत ओ पी श्रीवास्तव, मुनीर भाई, प्रवीण जोशी, किशन सोमानी ने किया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह वीके जैन, अरविंद तिवारी , पंडित कृपाशंकर शुक्ला और न्यायमूर्ति आईएस श्रीवास्तव ने भेंट किए । कार्यक्रम का संचालन व्याख्यानमाला के संयोजक अशोक कोठारी ने किया।अंत में आभार अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता ने माना।

आज का व्याख्यान

अभ्यास मंडल की 61 वी ग्रीष्मकालीन व्याख्यानमाला में कल 13 मई शुक्रवार को पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त रहे विवेक काटजू का व्याख्यान होगा । इस व्याख्यान का विषय है – भारत की विदेश नीति एवं पड़ोसी देश । यह व्याख्यान जाल सभागृह में शाम 6:30 बजे होगा ।

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