डॉ. डेविश जैन शिक्षाविदों की संस्था सीईजीआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत

  
Last Updated:  December 28, 2022 " 10:47 pm"

सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च की 14 सदस्यीय राष्ट्रीय कोर कमेटी का हुआ गठन।

इंदौर : प्रेस्टीज यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति एवं प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. डेविश जैन को वर्ष 2023 के लिए सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च (सीईजीआर),नई दिल्ली का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। उनके मनोनयन की घोषणा मंगलवार को सीईजीआर की मैनेजिंग कमेटी की बैठक में की गयी । बैठक में वर्ष 2023 के सीईजीआर की 14 सदस्यीय राष्ट्रीय कोर कमेटी की भी घोषणा की गयी जिसमें देश विभिन्न शिक्षण संस्थानों के 6 वरिष्ठ उपाध्यक्ष, 7 उपाध्यक्ष और एक मेंबर सेक्रेटरी चुने गए।

सीईजीआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने वाले डॉ. जैन मप्र के पहले शिक्षाविद।

बता दें कि डॉ. जैन मध्य प्रदेश के पहले शिक्षाविद हैं जिन्हें देश के 10 हजार से अधिक शिक्षकों और शोधकर्ताओं के थिंक टैंक माने जाने वाले राष्ट्रीय स्तर के इस शैक्षणिक निकाय के अध्यक्ष पद के लिए चुना गया है। इस संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले डॉ. जैन वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में पिछले दो कार्यकालों से कार्य कर रहे थे।सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च (सीईजीआर) एक स्वतंत्र थिंक टैंक है जो नई पीढ़ी को भविष्य के नेतृत्वकर्ता के रूप में तैयार करते हुए गुणात्मक, नवीन और रोजगार-क्षमता बढ़ाने वाली शिक्षा के लिए समर्पित है। यह संस्था शिक्षाविदों, मीडिया और नीति निर्माताओं के बीच संवाद के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करती है।यह शैक्षिक विकास और अनुसंधान को बढ़ावा देती है।

भारत में अवसरों की अनुकूलता बढ़ाने के लिए करेंगे काम।

सीईजीआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मनोनीत होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए,डॉ जैन ने कहा कि भारत के बेहतरीन शिक्षाविदों के इस शीर्ष निकाय का नेतृत्व करने का एक महान अवसर और जिम्मेदारी उन्हें मिली है। वे सीईजीआर की गौरवशाली विरासत को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। डॉ जैन ने कहा कि भारत शानदार शिक्षाविदों, टेक्नोक्रेट्स, वैज्ञानिकों से संपन्न देश है। यहाँ की प्रतिभा दुनिया भर के शीर्ष संगठनों, संस्थानों का नेतृत्व कर रही है । उन्होंने कहा कि देश के शीर्ष शिक्षाविदों के एक थिंक टैंक के रूप में, उनके नेतृत्व में सीईजीआर भारत से युवा प्रतिभाओं पलायन को रोकने तथा भारत में पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने हेतु एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए पूरी क्षमता के साथ कार्य करेगा।

उद्यमिता, कौशल, नवाचार को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की जरूरत।

उद्यमशीलता,कौशल, नवाचार और अनुसंधान पर जोर देते हुए, डॉ. जैन ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमारे शैक्षणिक संस्थान, रोजगार योग्य स्नातक तैयार करने के लिए उद्यमिता, कौशल, नवाचार और अनुसंधान को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करें।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *