नई दिल्ली: गुरुवार को लंबी बहस के बाद तीन तलाक़ बिल लोकसभा में पारित हो गया। बहस के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। अन्ततः मतदान के जरिये बिल पारित हो सका। बिल के पक्ष में 245 और विरोध में 11 वोट पड़े। कांग्रेस, सपा और aiadmk ने मतदान में हिस्सा नहीं लेते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक- 2018 मुस्लिम महिलाओं को एक बार में तीन तलाक़ बोलकर तलाक़ देने की कुप्रथा से संरक्षण प्रदान करता है। इस बिल में तीन तलाक़ को गैरकानूनी बनाने के साथ तीन साल की सजा का प्रावधान है। तीन तलाक़ गैर जमानती अपराध की श्रेणी में तो रखा गया है पर पीड़ित महिला का पक्ष सुनने के बाद मजिस्ट्रेट चाहे तो जमानत दे सकता है। आपसी समझौते का प्रावधान भी बिल में रखा गया है। इसके अलावा पीड़ित महिला मुआवजे की भी हक़दार होगी। महिला और उसके रक्त संबंधियों को ही एफआईआर दर्ज करने का अधिकार होगा।
बिल पास होने पर सत्ता पक्ष बीजेपी ने खुशी जताते हुए इसे मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। वहीं कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने विरोध जताते हुए सरकार की नीयत पर संदेह जताया।
बहस के दौरान कांग्रेस ने बिल में सजा के प्रावधान पर ऐतराज जताते हुए उसे पुरुष विरोधी करार दिया। कांग्रेस के नेता बिल को संयुक्त प्रवर समिति को भेजने की मांग कर रहे थे। अन्य विरोधी दलों के नेताओं ने भी इसका समर्थन किया लेकिन सरकार ने उनकी ये मांग नहीं मानी।
अब ये बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा। आपको बता दें कि सरकार 2017 में भी ये बिल संसद में लाई थी। उससमय राज्यसभा में nda का बहुमत नहीन होने से बिल अटक गया था। उसके बाद इस वर्ष सितम्बर में कुछ संशोधनों के साथ सरकार ने अध्यादेश जारी किया था।
तीन तलाक़ बिल लोकसभा में पारित, कांग्रेस ने किया वॉकआउट
Last Updated: December 27, 2018 " 03:42 pm"
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