“माँ”
तुम मेरी हो फिर भी मेरी क्यूँ नहीं,
तेरी गोद जो कभी मेरी थी,
वो गोद भी अब मेरी क्यूँ नहीं,
अपना अंगूठा मुँह में लेकर मुझे,
तेरा आँचल पकड़कर
फिर से तेरे पीछे चलना है,
काश में फिर से छोटी हो जाऊँ,
मुझे तेरी डाँट के साए में ही पलना है,
बड़े होने की ज़िद ने मुझे तुझसे दूर कर दिया,
ए ख़ुदा मैंने ऐसा क्या क़सूर कर दिया,
अब ज़िम्मेदारियों की ज़ंजीरों में
तेरी ही तरह उलझ सी गई हूँ मैं,
सम्भाल ले मुझे माँ, बिख़र सी गई हूँ मैं,
तेरे बिछड़ने का डर आजकल बहुत सताता है मां,
तेरे दूर जाने का ख़्याल भी मुझे
बहुत रुलाता है।
कीर्ति सिंह गौड़
Related Posts
March 9, 2022 आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाने वाली ग्रामीण महिलाओं का किया गया सम्मान
ग्रामीण स्टार्टअप का हुआ सम्मान।
9 महिलाओं को किया गया सम्मानित।
इंदौर : […]
December 18, 2022 सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी संघ ने मनाया पेंशनर दिवस
वरिष्ठ सदस्यों का किया सम्मान, संगठन की स्मारिका का भी किया गया विमोचन।
इंदौर : […]
March 20, 2017 परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर पुलिस आरक्षक बना जालसाज कटनी से गिरफ्तार
?सतना।? पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 में अपनी जगह किसी और को शामिल करवा कर सफलता […]
August 26, 2022 महापौर ने देवी अहिल्याबाई की पुण्यतिथि पर माल्यार्पण कर किया नमन
महापौर ने देवी अहिल्या उत्सव समिति को सौंपा 5 लाख रूपए अनुदान राशि का चेक।
इंदौर : […]
March 2, 2021 11 फीसदी ग्रोथ रेट के साथ पाए गए 134 नए संक्रमित
इंदौर : कोरोना संक्रमण में तेजी बनीं हुई है। सोमवार को भी ग्रोथ रेट 11 फीसदी रहा। […]
March 8, 2022 सतरंगी सी है वो, हर रंग में ढल जाती है…
वो कहानी है, वो क़िस्सा हैपर हर एक की ज़िंदगी कावो अटूट हिस्सा है।कभी बहारों सी खुश […]
February 16, 2019 कपिल शर्मा शो से बाहर हुए सिद्धू, महंगा पड़ा पाकिस्तान प्रेम मुम्बई: पुलवामा हमले को लेकर दिया गया नवजोत सिद्धू का बयान उन्हें महंगा पड़ा। सोनी टीवी […]