नई दिल्ली: भोपाल को लेकर जो संभावना जताई जा रही थी वो सही साबित हुई है। बीजेपी ने मप्र की शेष 5 में से 4 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा करते हुए भोपाल से प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। वे दिग्विजय सिंह का मुकाबला करेंगी। इसके अलावा गुना से डॉ. केपी यादव, सागर से राज बहादुर सिंह और विदिशा से रमाकांत भार्गव को टिकट दिया गया है। चारों सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया गया है।
इंदौर से अभी भी प्रत्याशी तय नहीं।
कांग्रेस ने पंकज संघवी को इंदौर से अपना उम्मीदवार बना दिया है। इसके बावजूद बीजेपी अपना प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है। इंदौर को उसने अभी भी होल्ड पर रखा हुआ है। ये माना जा रहा था कि शंकर ललवानी का टिकट पक्का हो गया है पर बुधवार दोपहर जारी लिस्ट में इंदौर से किसी का नाम नहीं है। इसे देखते हुए एक बार फिर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
कोई पैराशूट प्रत्याशी आ सकता है सामने।
कहा जा रहा है कि बीजेपी इंदौर से किसी बड़े नाम को सामने ला सकती है। इसीलिए इस सीट को होल्ड पर रखा हुआ है। पिछले दिनों ये अटकलें लगाई गई थी कि पीएम मोदी दूसरी सीट के रूप में इंदौर से चुनाव लड़ सकते हैं। इसके अलावा नितिन गडकरी का नाम भी हवा में है।
कैलाशजी ने खींचे पीछे कदम।
कांग्रेस से पंकज संघवी का नाम घोषित होते ही इंदौर से चुनाव लड़ने को लेकर उत्साहित नजर आ रहे कैलाश विजयवर्गीय ने अपने कदम पीछे खींच लिए। बकायदा ट्वीट कर उन्होंने कहा कि वे चुनाव नहों लड़ेंगे। संघवी परिवार से कैलाशजी की निकटता को देखते हुए उनके इस फैसले पर किसी को हैरत नहीं हुई।
ललवानी या मालिनी गौड़..।
कैलाशजी के पीछे हटने के बाद स्थानीय दावेदारों में शंकर ललवानी का नाम सबसे आगे था। अगर किसी कारण से उन्हें टिकट नहीं मिला तो महापौर मालिनी गौड़ भी सशक्त उम्मीदवार हो सकती हैं।
ताई का टिकट काटने के बाद से ही उलझन में है बीजेपी।
75 पार उम्र का हवाला देकर बीजेपी आलाकमान ने सुमित्रा महाजन का टिकट 8 बार की सांसद होने के बाद भी काट दिया पर अभी तक वो उनका विकल्प नहीं ढूंढ पाया है। यही कारण है कि सही प्रत्याशी का चयन करने में उसके पसीने छूट रहे हैं।