इंदौर : ड्रीम, डिस्कवर और डू ये तीन शब्द जीवन में याद रखिये और उन्हें अमल में लाये। ड्रीम अर्थात सपने देखिये, बड़े सपने देखिये। डिस्कवर याने अपने सपनों को हकीकत में बदलने का रास्ता खोजिये और डू अर्थात लक्ष्य तक पहुंचने का प्रयास कीजिये। सफलता का यह गुरुमन्त्र नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने देश- विदेश से आए बच्चों को दिया। वे एमरल्ड हाइट्स में गुरुवार से प्रारम्भ हुई 51 वी राउंड स्क्वेयर इंटर नेशनल कॉन्फ्रेंस में अपने विचार रख रहे थे। कॉन्फ्रेंस में करीब 55 देशों के 700 से अधिक बच्चे और 300 टीचर्स भाग ले रहे हैं।
अपने हीरो आप खुद हो।
श्री सत्यार्थी ने बच्चों से कहा कि वे कलाकार, खिलाड़ी या अन्य किसी सेलेब्रिटी से भले ही प्रभावित हों पर उन्हें अपना हीरो ना बनाए क्योंकि अपने हीरो आप खुद हो। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए सतत कार्य करने वाले कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि दुनिया में हर बच्चे के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के जरिये ये सिद्ध करने का प्रयास किया कि गरीब बच्चों में भी प्रतिभा होती है पर आर्थिक व सामाजिक विषमताओं के चलते वे शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते। उन्हें अवसर देने की जरूरत है। बीते कुछ वर्षों में बाल श्रम में कमीं आने पर उन्होंने खुशी जताई। बच्चों के सवालों के जवाब भी उन्होंने दिए।
चैयरमेन रॉड फ्रेजर ने किया शुभारम्भ।
इसके पूर्व राउंड स्क्वेयर इंटर नेशनल कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ राउंड स्क्वेयर सोसायटी के अध्यक्ष रॉड फ्रेजर ने किया। उन्होंने बेहतरीन आयोजन और माकूल व्यवस्था के लिए एमरल्ड हाइट्स प्रबन्धन को बधाई दी। उनके हाथों चयनित स्कूलों को सम्मानित भी किया गया। बच्चों ने इस मौके पर गणेश वंदना के साथ मनोहारी डांस प्रस्तुति भी दी। कार्यक्रम में स्वागत भाषण एमरल्ड स्कूल के प्राचार्य सिद्धार्थ सिंह ने दिया। इस अवसर पर देश- विदेश से आए डेलीगेट्स, विशिष्टजन और प्रबुद्ध नागरिक भी उपस्थित रहे।