इंदौर : आध्यात्मिक साधना मंडल, महाराष्ट्र समाज और तरुण मंच राजेन्द्र नगर द्वारा आयोजित 7 दिवसीय दत्त जयंती उत्सव के अंतर्गत बुधवार को भारत की पाक पर 1971 युद्ध में विजय के 50 वर्ष पूर्ण होने पर 1971 युद्ध की विजय गाथा विषय पर हिंदी में कीर्तन का आयोजन किया गया। युवा ओजस्वी कीर्तनकार ऐवज भण्डारे ने कीर्तन के माध्यम से भारतीय सैनिकों की शौर्य गाथा का वर्णन किया। कीर्तन सुनने के लिए वरिष्ठजनों के साथ बड़ी संख्या में युवा भी उपस्थित थे ।
एवज भण्डारे ने कीर्तन के पूर्वार्द्ध में भगवान राम और कृष्ण द्वारा राक्षसों के किए गए संहार की कथा के माध्यम से प्रतिपादित किया कि जब जब धरती पर आततायियों का आतंक बढ़ा है, उनका संहार करने के लिए अस्त्र शस्त्र उठाना आवश्यक है । कीर्तन के उत्तरार्ध में इसी कथा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि 1971 के दौरान पूर्वी पाकिस्तान में पाक सैनिकों का अत्याचार चरम पर था । भारत के लिए चुप्पी साधे बैठे रहना जब असहनीय हुआ तो भारतीय सेना ने पाक सेना का मुंहतोड़ जवाब दिया । यहां उल्लेखनीय था कि पहला हमला पाक सेना की ओर से ही हुआ लेकिन जब भारतीय सैनिक मुकाबले के लिए मैदान में आए तो तभी रुके जब पाक पर पूर्ण विजय प्राप्त कर ली ।
कीर्तन को कर्णप्रिय और रोमांचक बनाया वीररस के गीतों की प्रस्तुति ने । कीर्तन के मध्य अनेक देशभक्ति गीत, शिवाजी के पोवाड़े और वीर रस की हिंदी और मराठी कविता की प्रस्तुतियों को शामिल करने से कीर्तन का रंग देशभक्ति के माहौल में रंग गया युवा श्रोताओं ने कीर्तनकार के साथ भारत माता की जय के नारे लगाए तो माहौल जोशपूर्ण हो गया । कीर्तन के रंग को रसपूर्ण बनाया वैभव भगत की तबले पर तथा राजेंद्र जोशी की हारमोनियम पर सुमधुर संगत ने ।
तरुण मंच के संयोजक प्रशांत बडवे ने बताया कि उत्सव के अंतर्गत गुरुवार 16 दिसंबर को ग्वालियर घराने के वरिष्ठ संतूर वादक डॉ अनंत पुरंदरे के दिग्दर्शन में पंचामृत वाद्य वंदना कार्यक्रम की प्रस्तुति होगी । मैहर बैंड की तर्ज पर आयोजित यह अनूठी प्रस्तुति पहली बार इंदौर में होने जा रही है जिसमे पांच विभिन्न वाद्य यंत्रों का वादन प्रस्तुत होगा ।
दत्त जयंती महोत्सव के तहत कीर्तन के जरिए सुनाई गई 1971 के युद्ध की विजय गाथा
Last Updated: December 16, 2021 " 04:54 pm"
Facebook Comments