इंदौर : आईसीएआई की इंदौर सीए शाखा और टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर के संयुक्त तत्वाधान में शहर के सीए, कर सलाहकार, सीए छात्र छात्राओं, ऑफिस स्टाफ, अकाउंटेंट्स आदि के लिए टैक्स ऑडिट विषय पर सेमिनार का आयोजन रवींद्र नाट्य गृह में किया गया।
सेमिनार के औपचारिक शुभारंभ के बाद इंदौर सीए शाखा के चेयरमैन सीए आनंद जैन ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि सीए का कार्य बढ़ता जा रहा है, पहले मैनुअल ऑडिट रिपोर्ट जाती थी जिसका डाटा कंपाइल नही हो पाता था परंतु अब सारा डाटा विभाग के पास रियल टाइम में उपलब्ध रहता है, उस रिपोर्ट के आधार पर ही स्क्रुटनी या अन्य नोटिस आते है, ऐसे में हमारी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गई है।
कम फीस पर न करें काम, रिस्क, रिस्पांसिबिलिटी और रिसोर्स कॉस्ट का रखे ध्यान।
जिस प्रकार की जिम्मेदारी की अपेक्षा एक सीए से की जाती है, जितनी रिस्क इस काम में रहती है और आजकल रिसोर्सेज की कॉस्ट जितनी हो गई है, उनको देखते हुए फीस तय करना चाहिए, कम फीस पर कार्य नही करना चाहिए। आईसीएआई द्वारा जारी किए गए स्टैंडर्स ऑन ऑडिटिंग का पालन भी अनिवार्य रूप से करना चाहिए, सभी एटेस्टेशन फंक्शन पर एसए लागू होते हैं, यदि सही ढंग से इनका पालन किया जाए तो भविष्य में आने वाली किसी भी समस्या से बचा जा सकता है।
तिरंगे के सम्मान और अपने दायित्व निर्वहन की ली प्रतिज्ञा।
सीए आनंद जैन ने सभी सदस्यों को प्रतिज्ञा दिलाई कि हम सभी सदस्य तिरंगे का सम्मान करेंगे और चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में अपने दायित्वों का पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से निर्वहन करेगें।
ऑडिट एक सीरियस विषय है, सोच समझ कर रिपोर्ट जारी करें।
टीपीए के प्रेसिडेंट सीए शैलेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि यह पहला मौका है जब इस तरह का आयोजन इंदौर शहर में टैक्स ऑडिट विषय पर किया गया है। ऑडिट बहुत सीरियस मैटर है। रिपोर्ट जारी करते समय हमे सभी पहलुओं का ध्यान रखते हुए अपनी रिपोर्ट जारी करना चाहिए, स्टेकहोल्डर्स की हमसे क्या अपेक्षा है इसको ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट देना चाहिए।
कई व्यवसाई आज भी नही रखते प्रॉपर सॉफ्टवेयर से रिकॉर्ड।
सीए कीर्ति जोशी ने इसी साल लागू किए गए जीएसटी संबंधित क्लॉज, जिसमे जीएसटी की विभिन्न जानकारी, रजिस्टर्ड और अनरजिस्टर्ड व्यवसाई से परचेज या खर्च का अलग अलग ब्यौरा देने से संबंधित प्रावधान है, को लेकर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि कई व्यवसाई आज भी प्रॉपर सॉफ्टवेयर के माध्यम से अपना रिकॉर्ड नहीं रखते हैं जिससे उक्त जानकारी निकाली जा सके, ऐसे में इस क्लॉज के बारे में रिपोर्टिंग करना कठिन कार्य होगा।
दस करोड़ से अधिक फ्यूचर ऑप्शन टर्नओवर है तो करना पड़ेगा टैक्स ऑडिट।
दिल्ली से आए मुख्य वक्ता सीए पंकज सराओगी ने टैक्स ऑडिट के विभिन्न क्रिटिकल विषय पर अपना उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे करदाता जिन्होंने शेयर में या फ़्यूचर ऑप्शन में लेनदेन किया है और उनका टर्नओवर 10 करोड़ से अधिक है तो उन्हें भी टैक्स ऑडिट करवाना होगा और लेखा पुस्तकें भी रखनी होगी । यहाँ तक कि करदाता यदि अनुमानित आधार पर इनकम टैक्स देता है तो टर्नोवर की गणना करते समय उसे जीएसटी को भी टर्नओवर में शामिल करना होगा और जीएसटी पर भी 6% या 8% प्रोफ़िट मानते हुए टैक्स देना होगा।
शेयर की नियमित खरीदी – बिक्री करते है तो रखे दो डीमेट अकाउंट।
यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से शेयर्स की खरीदी और बिक्री करता है तो आयकर विभाग ऐसे ट्रांजेक्शंस को भी व्यापार मान कर टैक्स लगा सकता है। ऐसे में करदाता ने यदि कुछ शेयर्स इन्वेस्टमेंट्स के उद्देश्य से रखे हैं तो यह उचित होगा कि वह दो डीमेट अकाउंट रखे, एक खाते में इन्वेस्टमेंट के रूप में लिए गए शेयर्स रखे और दूसरे में खरीदी बिक्री करे, जिससे इन्वेस्टमेंट के रूप में रखे गए शेयर्स सिद्ध करना आसान होगा।
टैक्स ऑडिट ना कराने की पेनल्टी अधिकतम डेढ़ लाख।
सीए पंकज ने बताया कि 30 सितंबर इस वर्ष टैक्स ऑडिट कराने की अंतिम तिथि है, इस वर्ष सरकार इस तारीख को आगे बढ़ाए ऐसी उम्मीद बहुत कम है। ऐसे में समय से ऑडिट करना आवश्यक है। नियत तिथि तक ऑडिट ना कराने की अधिकतम पेनल्टी डेढ़ लाख है। यह पेनल्टी टर्नओवर की 0.50 % या डेढ़ लाख जो कम हो, उतनी पेनल्टी का दायित्व है।
कार्यक्रम में अतिथि परिचय सीए स्वर्णिम गुप्ता ने दिया। संचालन सीए अतिशय खासगीवाला ने किया।आभार सीए अभय शर्मा ने माना। कार्यक्रम में सीए पीडी नगर, सीए प्रकाश वोहरा, एडवोकेट महेश अग्रवाल, सीए एसएन गोयल, अमितेश जैन, मौसम राठी सहित 900 के करीब सीए सदस्य और छात्र छात्राएं मौजूद रहे।