पणजी ।। गोवा विधानसभा चुनाव में 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद सत्ता से दूर रह गई कांग्रेस में अब असंतोष साफ दिखने लगा है। पूर्व विधायक विश्वजीत राणे पहले ही पार्टी से नाराजगी जताकर इस्तीफा दे चुके हैं। अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लुईजिन्हो फलैरो ने भी इशारों-इशारों में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह व गोवा स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख केसी वेणुगोपाल पर निशाना साधा है।
फलैरो ने मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी नेताओं में विवाद की खबरों को दरकिनार कर दिया। माना जा रहा था कि इसी मुद्दे पर पार्टी सरकार बनाने में पिछड़ गई। फलैरो ने बताया कि कांग्रेस के पास 21 विधायकों का समर्थन हासिल था और सरकार बनाने के लिए इतने ही विधायकों की जरूरत थी।
गोवा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि दिग्विजय सिंह का ही सुझाव था कि राज्यपाल मृदुला सिन्हा की तरफ से सरकार बनाने के लिए न्योता आने का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैंने तो राज्यपाल को सरकार बनाने के संबंध में सूचित करने के लिए चिट्ठी भी लिख ली थी, लेकिन दिग्विजय सिंह ने कहा कि राज्यपाल हमें फोन करेंगी और इसीलिए हमने इंतजार किया।
उन्होंने कहा, ’11 मार्च को मतगणना की रात ही पोर्वोरिम से निर्दलीय विधायक रोहन खूंटे और बेनौलिम से राकंपा विधायक अलेमाओ ने दो अन्य निर्दलीयों के साथ कांग्रेस को समर्थन की बात कही थी। शनिवार 11 मार्च की रात हमारे पास 21 विधायकों का समर्थन हासिल था, लेकिन दस्तखत हमारे पास नहीं थे। वेणुगोपाल और दिग्विजय सिंह को इस बारे में निर्णय लेना था। मैं किसी पर आरोप नहीं लगाना चाहता. लेकिन हां, मुझे लगता है कि हमें उसी रात निर्णय ले लेना चाहिए था।’