इंदौर : शनिवार को “देवस्थान बचाओ समिति” के बैनर तले गोराकुंड चौराहा स्थित रामद्वारा मंदिर से बड़ा गणपति मंदिर चौराहे तक पैदल मार्च निकाला गया। इस पैदल मार्च में समिति के संरक्षक महामंडलेश्वर राधे-राधे बाबा व संतश्री अमृत राम महाराज के साथ वनखंडी राम मंदिर किशनपुरा, तुलसीदास मंदिर, दिगंबर जैन लश्करी गोट मंदिर, रामद्वारा गोराकुंड, मदन मोहन मंदिर, प्रणामी राधा कृष्ण मंदिर, गोरेश्वर महादेव मंदिर, गोराकुंड, रामानुज कोट, शिव मंदिर, छोटा गणपति मंदिर, शनि मंदिर थाना मल्हारगंज, वीर हनुमान मंदिर टोरी कॉर्नर, छोटा हनुमान मंदिर कड़ाबीन, आर्य समाज मंदिर, राम मंदिर कड़ाबीन, चारभुजा नाथ मंदिर, दिगंबर जैन आदिनाथ मंदिर, मोदी जी की नसिया, सत्यनारायण मंदिर, लाल मंदिर, राम मंदिर, शीतला माता मंदिर एंव बड़ा गणपति मंदिर के ट्रस्टी, पंडित, पुजारी व भक्त मंडलियां, संत समाज और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। मार्च की समाप्ति पर बड़ा गणपति के चरणों में ज्ञापन सौंपकर जिला प्रशासन व नगर निगम को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की गई।समिति के संयोजक प्रिंसपाल टोंग्या ने बताया कि इंदौर शहर में विकास के नाम पर धर्म स्थलों को हटाने में समान नीति होना चाहिए। प्रशासन को सभी धर्म स्थलों पर एक जैसी समान कार्रवाई करनी चाहिए। पूर्व में भी विकास के नाम पर हिंदू धर्म स्थलों की अवहेलना कर उनका विस्थापन किया गया जबकि अन्य धर्म स्थलों को यथास्थिति में छोड़ दिया गया। यह शासन- प्रशासन की दोहरी मानसिकता को दर्शाता है। संत समाज व भक्त मंडली इंदौर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है परंतु शासन- प्रशासन की यह भेदभाव पूर्ण नीति से सनातन धर्म संस्कृति प्रभावित हो वह हमें मंजूर नहीं है।इसी के चलते बड़ा गणपति को ज्ञापन सौंपकर शासन- प्रशासन को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की गई है।
भेदभावपूर्ण कार्रवाई का करेंगे विरोध।
टोंग्या ने कहा कि अगर शासन-प्रशासन अपनी हठधर्मिता के चलते किसी भी हिन्दू धर्म स्थल पर भेदभाव पूर्ण करेगा तो वहां का समाज एवं समिति चरणबद्ध आंदोलन के रूप में आगे भी उसका विरोध करेगी।