देवी अहिल्याबाई की तुलना ममता बनर्जी से करना मानसिक दिवालिएपन का प्रतीक, माफी मांगे राऊत

  
Last Updated:  May 10, 2021 " 07:22 pm"

इंदौर : शिवसेना के सांसद संजय राउत ने सामना के संपादकीय में लिखे अपने लेख में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तुलना अहिल्या देवी से की हैं। भाजपा नेता व पाल समाज नवयुवक मंडल के अध्यक्ष वरुण पाल ने राऊत के इस कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा की है।
वरुण पाल ने कहा कि संजय राऊत को अहिल्या माता के जीवन, कार्यो, नीतियों का अध्ययन करने की आवश्यकता है। अहिल्या माता ने सादगी, शुचिता, समरसता और न्याय के चलते मालवा ही नहीं वरन देश में सुशासन का मॉडल प्रस्तुत किया था। उन्होंने डाकू और लुटेरों को भी भूमि देकर कृषि के लिए प्रोत्साहित कर मालवा को उन्नति के पथ पर अग्रसर किया था। देश भर में अपने कार्यो की वजह से लोगों ने उन्हें लोकमाता की उपाधि से नवाजा था, जबकि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने हिंसा और अराजकता के बल पर सत्ता हासिल की है। ममता बनर्जी सादगी से नहीं आक्रामकता से पहचानी जाती है, तुष्टिकरण को बढ़ावा देने वाली ममता की डिक्शनरी में शुचिता, समरसता और न्याय जैसे शब्दों की जगह नहीं है। ममता ने खेला होबे का नारा दिया था, चुनाव के बाद से बंगाल में लगातार हत्या, रेप और हिंसा का खेल जारी है, ऐसे में ममता की तुलना लोकमाता अहिल्या देवी से करने पर शिवसेना सांसद संजय राऊत को शर्म आनी चाहिए।
पाल ने कहा कि “कहावत है कि जैसी संगत वैसी रंगत” कांग्रेस और राहुल गांधी की संगत का असर राऊत पर भी दिखने लगा है, ये उनके मानसिक दिवालियेपन की निशानी है। पाल समाज उनके इस कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करता है।राऊत को अपने इस कृत्य के लिए देश व अहिल्या नगरी (इंदौर) की जनता और अहिल्या भक्तों से तुरंत माफी मांगना चाहिए।

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