इंदौर : देशी खेलों को बढ़ावा देने की पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप प्राचीन पारंपरिक खेल पिट्टू, जिसे मालवा में सितोलिया कहा जाता है, को राष्ट्रीय स्तर पर एक खेल के बतौर मान्यता मिल गई है। पिट्टू फेडरेशन ऑफ इंडिया का गठन किए जाने के बाद पहली पहली राष्ट्रीय पिट्टू सीनियर स्पर्धा का आयोजन इंदौर के बास्केटबॉल स्टेडियम में किया गया है। रविवार 26 सितम्बर को इस स्पर्धा का औपचारिक शुभारंभ मप्र के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में हुआ। सांसद शंकर लालवानी, पूर्व मंत्री दीपक जोशी, मप्र ओलिम्पिक एसो. के अध्यक्ष विधायक रमेश मेंदोला व आकाश विजयवर्गीय, बीजेपी नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, चंदू शिंदे, पिट्टू फेडरेशन के राष्ट्रीय पदाधिकारी और अन्य विशिष्टजन भी इस अवसर पर मौजूद रहे।
नई शिक्षा नीति में खेल व खिलाड़ी भी हैं पाठ्यक्रम का हिस्सा।
मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने इस मौके पर कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति को मप्र में सबसे पहले लागू किया गया है। इसके तहत एनसीसी, एनएसएस और खेल को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। इसका 100 नम्बर का पेपर होगा। मंत्री मोहन यादव ने कहा कि खेल और खिलाड़ियों के उत्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष रुचि है। वे खिलाड़ियों के असफलता में भी उनके साथ खड़े रहकर उन्हें हौसला देते हैं। प्रधानमंत्री की हौसला अफजाई का ही परिणाम है कि इस बार ओलिम्पिक और पेरा ओलिम्पिक में भारत ने अब तक के सर्वाधिक पदक जीते हैं। मोहन यादव ने कहा कि वे विवि स्तर पर भी पिट्टू को बढ़ावा देने और उसकी स्पर्धा आयोजित करने का प्रयास करेंगे।
पहले दिन खेले गए प्रारम्भिक मुकाबले।
उद्घाटन के बाद अतिथियों ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया और उन्हें हार- जीत को खेलभावना के साथ खेलने का आग्रह किया। इसके बाद स्पर्धा के प्रारंभिक मुकाबले खेले गए।
22 टीमें कर रहीं हैं शिरकत।
पिट्टू फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष हरिनारायण यादव ने इस मौके पर अपने उद्बोधन में अतिथियों और विभिन्न राज्यों से आए खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए कहा कि पिट्टू खेल की इस पहली राष्ट्रीय स्पर्धा में देशभर से कुल 22 टीमें भाग ले रही हैं। इनमें 14 टीमें पुरुषों की और 8 महिलाओं की हैं। स्पर्धा 28 सितम्बर तक चलेगी। विजेता, उपविजेता टीमों को ट्रॉफी के साथ आकर्षक उपहार भी दिए जाएंगे।
देशी खेलों का डेमो रहा आकर्षण का केंद्र।
उद्घाटन सत्र में बच्चों द्वारा देशी खेलों का दिया गया डेमो आकर्षण का केंद्र रहा। इस दौरान बच्चों हर तरह के देशी खेलों की झलक पेश की।
प्रत्येक टीम में होते हैं 12 खिलाड़ी।
पिट्टू याने सितोलिया के इस खेल को नियम- कायदों के साथ खेला जाता है। इसमें प्रत्येक टीम में 12 खिलाड़ी होते हैं। दो टीमों के बीच 10-10 मिनट के दो गेम खेले जाते हैं। सात निर्धारित पीस से बने पिट्टू सेट को गिराकर पुनः उसी क्रम में जमाकर अंक अर्जित करने वाली टीम को स्ट्राइकर और पिट्टू सेट को जमाने से रोकने वाली टीम को डिफेंडर कहा जाता है। निर्धारित समय में जो टीम अधिक अंक बनाती है, उसे विजयी घोषित किया जाता है।