दो दिवसीय अखिल भारतीय नेतृत्व समागम 16 जनवरी से

  
Last Updated:  January 16, 2023 " 01:01 am"

200 उच्च शिक्षा संस्थानों के 600 प्रतिनिधियों सहित कुल एक हजार प्रतिनिधि करेंगे समागम में शिरकत।

विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान एवं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर संयुक्त आयोजन।

इंदौर : विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान एवं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर द्वारा इंदौर में 16 जनवरी से दो दिवसीय अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें केंद्रीय व राज्य स्तरीय 200 संस्थानों के 600 प्रतिनिधि शामिल होंगे । स्थानीय ( मध्यप्रदेश ) प्रतिनिधियों सहित कुल 1000 प्रतिनिधि इसमें सहभागिता करेंगे । आयोजन में देश एवं विदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपति, निदेशक , चेयरमैन , प्राचार्य , शिक्षाविद शामिल होंगे । समागम में मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग , निजी विनियामक आयोग मध्यप्रदेश , ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी एसोसिएशन सहयोगी के रूप में शामिल हैं।

नेतृत्व समागम का शुभारंभ 16 जनवरी को प्रातः 10:30 बजे से होगा जिसमें केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ . सुभाष सरकार मुख्य अतिथि के रूप में एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ.मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री मध्य प्रदेश शासन शामिल होंगे । शुभारंभ अवसर पर यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर जगदीश कुमार , विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफ़ेसर कैलाश चंद्र शर्मा , प्रवेश एवं शुल्क विनियामक आयोग मध्य प्रदेश , निजी विश्वविद्यालय के चेयरमैन प्रोफ़ेसर भरत शरण सिंह भी उपस्थित रहेंगे । रजिस्ट्रेशन का कार्य प्रातः 9:00 बजे से ही प्रारंभ हो जाएगा।

इस आयोजन का उद्देश्य उच्च शिक्षा में कार्य करने वाले निजी उच्च शिक्षा संस्थानों , शासकीय उच्च शिक्षा संस्थानों को एक प्लेटफार्म पर लाकर संवाद एवं साझा मंच स्थापित करना है। पत्रकार वार्ता के जरिए विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा और देवी अहिल्या विवि की कुलपति डॉ. रेणु जैन ने यह जानकारी दी।

छह तकनीकि सत्र होंगे।

उन्होंने बताया कि इस दो दिवसीय आयोजन में उद्घाटन एवं समापन सत्र के अलावा 6 तकनीकि सत्र संपन्न होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में होने वाले इस दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन देवी अहिल्या विश्वविद्यालय खंडवा रोड पर किया गया है।

इस समागम के विभिन्न सत्रों में वक्ता एवं विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ अपनी बात रखेंगे। शिक्षा संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद होगा 16 जनवरी को दोपहर 1:30 बजे से 2:45 तक कुलपतियों एवं निदेशकों का यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर जगदीश कुमार के सवाद का कार्यक्रम भी है।

समानांतर सत्रों में एकेडमिक बैंक का क्रेडिट मल्टीपल एंट्री एवं मल्टीपल एग्जिट पर चर्चा होगी। इस सत्र में प्रोफेसर आरपी तिवारी कुलपति केंद्रीय यूनिवर्सिटी पंजाब, प्रोफेसर नवीन सेठ गुजरात तकनीकि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और पूर्व कुलपति डॉ. एस के गखड उपस्थित रहेंगे।

मल्टीडिसीप्लिनरी एंड हॉलिस्टिक एजुकेशन विषय पर प्रोफेसर अमी उपाध्याय कुलपति डॉ बाबासाहेब अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी अहमदाबाद, प्रोफेसर दीपक कुमार श्रीवास्तव आईआईएम रांची के निदेशक ,प्रोफेसर विभा चौहान किरोरीमल कॉलेज न्यू दिल्ली की प्राचार्य अपने विचार रखेंगी।
उच्च शिक्षा संस्थानों में नवाचार के प्रयोग विषय पर प्रोफेसर पंकज मित्तल इंडियन यूनिवर्सिटी एसोसिएशन के सचिव , प्रोफेसर डीपी गोयल आईआईएम रांची के निदेशक एवं प्रोफेसर बीवीआर रेड्डी एनआईटी , कुरुक्षेत्र के निदेशक विचार प्रवर्तन करेंगे ।

इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर नागेश्वर राव एवं जालंधर के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर राष्ट्रीय संस्थान के निदेशक प्रोफेसर विनोद कुमार कनौजिया, वर्चुअल यूनिवर्सिटी ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग पर अपने विचार रखेंगे।

तकनीकि सत्रों मे नेक के चेयरमैन प्रोफेसर भूषण पटवर्धन एवं मिडिल ईस्ट,अफ्रीका एंड साउथ एशिया के रीजनल डायरेक्टर फार क्यू एस डॉक्टर अश्विन फर्नांडिस भारतीय शिक्षा नीति के आलोक में भारतीय उच्च शिक्षा का भविष्य के साथ में मल्टीडिसीप्लिनरी एंड हॉलिस्टिक एजुकेशन पर अपनी बात रखेंगे । इस सेशन के सभापति के रूप में प्रोफेसर संदीप शास्त्री वीसी जागरण लेक यूनिवर्सिटी भोपाल रहेंगे ।

द्वितीय तकनीकि सत्र में उच्च शिक्षा के अंतरराष्ट्रीय करण पर भारत में जापान एंबेसी के मिस्टर आर निशी ( प्रथम सचिव तकनीक एवं विज्ञान ) भारत में युगांडा एंबेसी के मिस्टर बी . बारकर भारत में एंबेसी ऑफ़ नेपाल के यदुनाथ पाउडेल अपने विचार प्रस्तुत करेंगे इस सत्र के सभापति आई आई एम नागपुर के निदेशक प्रोफ़ेसर भीमराया मेत्री रहेंगे , सायंकाल सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा ।

17 जनवरी को कार्यक्रम का आरंभ तकनीकि सत्र से होगा , जिसमें रिसर्च एवं इनोवेशन पर एआईसीटीई के चेयरमैन प्रोफेसर टी.जी. सीताराम, डॉक्टर वीरेंद्र एस चौहान ( ईमेरिटस सीनियर साइंटिस्ट इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी ) तथा प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता कुलपति डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर अपना व्याख्यान देंगे। इस सत्र के सभापति प्रोफेसर वी सुधाकर हैदराबाद रहेंगे। चौथे तकनीकि सत्र में नेतृत्व एवं शासन पर प्रोफेसर सी राजकुमार ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी सोनीपत, प्रोफेसर एस वैदय सुब्रमण्यम कुलपति शास्त्र यूनिवर्सिटी तंजावुर, प्रोफेसर योगेश सिंह कुलपति दिल्ली यूनिवर्सिटी ,प्रोफेसर के बी दास कुलपति केंद्रीय यूनिवर्सिटी झारखंड अपने विचार रखेंगे।
दूसरे दिन समांतर सत्र में आइडिया एक्सचेंज विषय पर विचारों का आदान-प्रदान होगा जिसमें प्रोफेसर रेणु जैन कुलपति देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर, प्रोफेसर भरत शरण सिंह चेयरमैन निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ,प्रोफेसर पंकज अरोरा, इंस्टिट्यूट ऑफ़ लाइव लांग लर्निंग यूनिवर्सिटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रविंद्र कान्हेंरे चेयरमैन प्रवेश एवं शुल्क विनियामक आयोग मध्यप्रदेश एवं प्रोफेसर चंद्र चारू त्रिपाठी एनआइटीटीआर भोपाल के निदेशक सभापति के रूप में उपस्थित रहेंगे। इन सत्रों में देश के 30 विश्वविद्यालय छह बिंदुओं पर अपनी प्रस्तुति देंगे ।दोपहर 3:15 से 4:15 के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल शिक्षा एवं राष्ट्रीय विकास पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे।

अगले तकनीकि सत्र में वक्ता के रूप में रामकृष्ण मिशन इंस्टीट्यूट आफ कल्चरल कोलकाता के प्रोफेसर शक्ति प्रसाद मिश्रा, सेंट्रल ट्राईबल यूनिवर्सिटी आंध्र प्रदेश के कुलपति प्रोफेसर टीवी कट्टी मनी, इंडस यूनिवर्सिटी अहमदाबाद के अध्यक्ष डॉ नागेश भंडारी उपस्थित रहेंगे वही इस सत्र के सभापति के रूप में प्रोफ़ेसर केएन सिंह कुलपति सेंट्रल यूनिवर्सिटी साउथ बिहार रहेंगे।

समापन समारोह दिनांक 17 जनवरी को सायंकाल 5:00 बजे से होगा , जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में रमेश बैस राज्यपाल झारखंड, विशेष अतिथि डॉ . मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री मध्य प्रदेश शासन , उषा ठाकुर संस्कृति मंत्री मध्य प्रदेश शासन , प्रोफेसर सीताराम चेयरमैन एआईसीटीई नई दिल्ली , डॉक्टर नरेंद्र कुमार तनेजा महासचिव विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान , के .एन.रघुनंदन राष्ट्रीय संगठन मंत्री विद्याभारती उच्च शिक्षा संस्थान मौजूद रहेंगे । समापन समारोह में उच्च शिक्षा में आगामी कार्य की दिशा की दृष्टि से न्यूनतम साझा कार्यक्रम हेतु घोषणा पत्र भी जारी किया जाएगा।

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