वर्ष भर सुख,समृद्धि व उत्सव में हुई गलतियों की क्षमा याचना के लिए किया शांति अभिषेक।
औषधियों के जल से शुद्धता और थकान मिटाने के लिए किया जाता है प्रभु वेंकटेश का शांति अभिषेक।
इंदौर : पावन सिद्ध धाम श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में आयोजित सात दिवसीय ब्रम्होत्सव एवं रथयात्रा महोत्सव का रथयात्रा के नगर भ्रमण, शांति अभिषेक और ध्वजावतरण के साथ समापन हुआ।
दक्षिण भारत से पधारे श्रीमन्नारायन भटर स्वामियों के साथ इंदौर के पुजारी बिहारीलाल, दीपक शर्मा,नितिन शर्मा ,जय दुबे, नन्दलाल शर्मा और सत्यनारायण द्वारा नागोरिया पीठाधीश्वर स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज के सान्निध्य में सुगंधित पदार्थों,
माखन, दूध,दही,शकर, घी, इत्र, केशर व फलों के रस से प्रभु वेंकटेश का अभिषेक किया गया। ऊत्सव में ठाकुर जी का जो परिश्रम हुआ, उस परिश्रम से हुई शारीरिक व्यथा को शांत करने के लिये प्रभु वेंकटेश भगवती श्री देवी और भू देवी का ये अभिषेक किया गया। यजमान अशोक डागा परिवार ने कलशों का पूजन किया। इस दौरान उत्सव में हुई कोई भूल या भगवान को हुए किसी कष्ट के लिए क्षमा प्रार्थना भी की गई।
इस अवसर पर प्रभु को हल्दी लगाकर वनमाला धारण कराई गई श्री सूक्त पुरुष सूक्त वेंकटेश स्तोत्र गुरु परंपरा के स्तोत्र का पाठ किया गया।
इसके पूर्व को देवस्थान से निकली रथयात्रा नगर में भ्रमण करते हुए देर रात 2. 30 बजे गोविंदा गोविंदा के कीर्तन और हनुमान चालीसा का पाठ करते भक्तों के साथ देवस्थान में पहुची। देवस्थान पहुचते ही जोरदार आतिशबाजी के साथ प्रभु का पुनः स्वागत किया गया। यहां प्रभु की नजर उतारी गई। रात में ही यज्ञ का समापन कर स्वर्ण खम्ब पर उत्सव के प्रारंभ में चढ़ाई गई गरुड़ ध्वजा को पूजन कर उतारा गया और भगवान गरुड़ को विदा किया गया। बाद में स्वामीजी ने सभी भक्तों, कार्यकर्ताओं को आशीर्वाद प्रदान किया।