इंदौर:- नर्मदा-गंभीर लिंक योजना से इंदौर को हर दिन १०० एमएलडी पानी मिनेगा। इस बारे में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण और इंदौर नगर निगम के बीच सहमति बन गई है। इस पानी को यशवंत सागर और बिलावली तालाब में छोड़ा जाएगा।
पिछले कुछ दिनों से यशवंत सागर में इस योजना के तहत नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा 75 एमएलडी पानी प्रतिदिन दिया जा रहा था। इसे अब बंद कर दिया गया है। ऐसे में इस लिंक योजना से इंदौर को पानी कितना और कैसे मिले इस बारे में विचार करने के लिए नर्मदा प्राधिकरण और नगर निगम के बीच उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक में प्राधिकरण की ओर से सीई एके सिंहल और नर्मदा-गंभीर लिंक योजना के प्रभारी संजय जोशी शामिल हुए, जबकि नगर निगम की ओर से आयुक्त आशीष सिंह और जल समिति के प्रभारी बलराम वर्मा ने भाग लिया। बैठक में नगर निगम की ओर से यह तर्क दिया गया कि कई बार नर्मदा परियोजना में शटडाउन लिया जाता है या फिर कोई और परेशानी आ जाती है तो उस स्थिति में शहर में पानी का संकट पैदा हो जाता है। नागरिकों को पानी के लिए परेशान होना पड़ता है ऐसे में यह आवश्यक है कि इस लिंक योजना के अंतर्गत प्राप्त होने वाले पानी में से इंदौर को भी पानी दिया जाए।
इसपर नर्मदा प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा इंदौर को पानी देने पर सहमति व्यक्त की गई। बैठक में यह फैसला लिया गया कि शहर की आवश्यकता के मान से नर्मदा प्राधिकरण नर्मदा-गंभीर लिंक योजना से इंदौर को हर दिन १०० एमएलडी पानी उपलब्ध कराएगा। इस पानी को यशवंत सागर और बिलावली तालाब में छोड़ा जाएगा।
यशवंत सागर से सप्लाय बेहतर होगा।
नर्मदा- गंभीर लिंक परियोजना से पानी मिलने से जिन क्षेत्रों में यशंवत सागर से जल प्रदाय किया जाता है उन क्षेत्रों में जलप्रदाय की स्थिति और बेहतर हो जाएगी। नागरिकों को ज्यादा प्रेशर के साथ ज्यादा समय तक पानी मिल सकेगा।
दरों को लेकर फसेंगा पेच..?
सूत्रों के अनुसार नर्मदा प्राधिकरण ने इंदौर को दिए जाने वाले पानी के एवज में 22.40 रुपए प्रति हजार लीटर की दर से पैसे के भुगतान की मांग की गई। नगर निगम के अधिकारियों का कहना था कि यह राशि बहुत ज्यादा है। इसे कम किया जाना चाहिए। अतः दरों को लेकर बैठक में कोई सहमति नहीं बन सकी। हालांकि दोनों ओर से यह उम्मीद जताई गई कि दरों के मसले को जल्द सुलझा लिया जाएगा।