मुफ्त दवाइयों का भी किया गया वितरण।
स्केपर्स सोसायटी फॉर सोशल वेलफेयर ने आयोजित किया था शिविर।
12 लाख के सामाजिक योगदान के साथ स्वास्थ्य सेवा को नई दिशा।
इंदौर : स्केपर्स सोसायटी फॉर सोशल वेलफेयर ने पहली बार नवलखा चौराहा स्थित जीवनशाला हाई स्कूल, विसर्जन आश्रम के पास बस्ती में नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक चले इस शिविर में सैकड़ों लोगों ने स्वास्थ्य जांच और परामर्श का लाभ उठाया। बुजुर्गों और असमर्थ लोगों को उनके घर जाकर चिकित्सा सुविधा दी गई। जांच के बाद नि:शुल्क दवाइयां भी वितरित की गईं।
शिविर में बाल रोग, शिशु रोग, पेट व लीवर संबंधी समस्याओं और ब्लड प्रेशर की जांच की गई। बस्ती का दौरा करने पर गंभीर तथ्य सामने आए। कई बच्चे वाइटनर जैसे नशीले पदार्थों की लत में फंसे पाए गए। अनेक बुजुर्गों को तत्काल चिकित्सा और नियमित उपचार की जरूरत होना पाई गई जबकि बच्चों में भी लगातार इलाज की आवश्यकता देखी गई।
लगभग 06 हजार लोगों की आबादी वाली इस बस्ती में जीवनशाला स्कूल के सचिव और प्राचार्या ने डॉक्टरों की टीम को क्षेत्र का निरीक्षण करवाया और स्थानीय समस्याओं से अवगत कराया। स्कूल प्रशासन के सहयोग से बस्ती तक पहुंचने के रास्ते और दिशा-निर्देश सुनिश्चित किए गए।
संस्था की अध्यक्ष डॉ. जेनिशा जैन, सचिव डॉ. मयंक जैन, उपाध्यक्ष डॉ. मुकेश वर्मा और संयुक्त सचिव डॉ. मीनाक्षी शर्मा के नेतृत्व में आयोजित इस शिविर ने सामाजिक सेवा की मिसाल कायम की। पिछले चार वर्षों में स्केपर्स सोसायटी ने स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और आपदा राहत में 12 लाख रुपये से अधिक का योगदान दिया है।
डॉ. जेनिशा जैन ने कहा, “स्वास्थ्य हर व्यक्ति का अधिकार है। हमारा प्रयास है कि आर्थिक तंगी किसी को इलाज से वंचित न करे।” उन्होंने बताया, “यह शिविर बस्ती की गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों को सामने लाया। अभी हमारे पास बाल रोग, शिशु रोग, पेट और लीवर रोग के विशेषज्ञ हैं, लेकिन हमें दंत रोग, स्त्री रोग, त्वचा रोग और विभिन्न जांच विशेषज्ञों की आवश्यकता है। तब जाकर हम समुचित स्वास्थ्य सेवाएं दे पाएंगे।”
उन्होंने कहा कि, यदि कोई डॉक्टर या विशेषज्ञ उनके साथ समाज सेवा में जुड़ना चाहे, तो उनका स्वागत है।
स्थानीय लोगों ने इस पहल की सराहना की और कहा कि घर-घर जाकर दी गई चिकित्सा सेवाओं और मुफ्त दवाइयों ने विश्वास जगाया। बस्तीवासियों ने भविष्य में भी ऐसे शिविर लगाने की मांग की।