भोपाल : वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की लगातार अनदेखी करना सीएम कमलनाथ और कांग्रेस नेतृत्व को बहुत महंगा पड़ा। तेजी से घूमते सियासी घटनाक्रम के बीच अपनी उपेक्षा और अपमान से आहत सिंधिया ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा भेज दिया। सिंधिया समर्थक मंत्रियों सहित कांग्रेस के कुल 20 विधायकों ने भी अपने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिए हैं। इसी के साथ एक अन्य कांग्रेस विधायक बिसाहुलाल सिंह ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने लगे हाथ बीजेपी का दामन थाम लिया।
मोदी- शाह से मुलाकात के बाद लिया निर्णय।
मंगलवार सुबह ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। करीब 1 घंटे की मुलाकात के बाद लौटे सिंधिया ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया। हालांकि उनके पत्र पर 9 मार्च की तारीख है। इससे पता चलता है कि उन्होंने कल ही इस्तीफा देने का मन बना लिया था। उनके कांग्रेस से इस्तीफा देते ही समर्थक विधायकों ने भी विधानसभा की सदस्यता से अपने इस्तीफे स्पीकर को भेज दिए।
उपेक्षा और अपमान से थे आहत।
2018 में मप्र में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सिंधिया का चेहरा सामने रखकर ही चुनाव लड़ा था। लेकिन कांग्रेस की सरकार बनाने का समय आया तो सीएम की कुर्सी कमलनाथ को दे दी गई। उसके बाद से लगातार कमलनाथ और दिग्विजय सिंह, सिंधिया को हाशिये पर धकेलने में लगे रहे। उनके समर्थक मंत्रियों और विधायकों को भी सीएम कमलनाथ तवज्जों नहीं देते थे। कई बार सिंधिया ने प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रूप से अपनी नाराजगी सार्वजनिक भी की लेकिन सीएम कमलनाथ ने उसपर ध्यान नहीं दिया। धारा 370 हटाने सहित अन्य कई मामलों पर सिंधिया ने कांग्रेस से अलग स्टैंड लिया था। चुनाव के दौरान जनता से किये गए वादों की वचन पूर्ति के लिए सिंधिया ने सड़क पर उतरने की भी बात कही थी, उससमय सीएम कमलनाथ ने बड़े बेपरवाह ढंग से जवाब दिया था ‘तो उतर जाएं’ । प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष पद सिंधिया को न मिले इस बात को लेकर भी कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने तमाम रोड़े अटकाए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी सिंधिया की बात को कभी तवज्जो नहीं दी। एक दिन पूर्व भी सिंधिया ने सोनियाजी से मिलने का वक्त मांगा था जो उन्हें नहीं मिला। बार- बार मिल रही उपेक्षा और अपमान से आहत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने आत्मसम्मान की खातिर आखिरकार कांग्रेस को बाय- बाय कह दिया।
कुल 21 विधायक दे चुके हैं इस्तीफा।
ताजा जानकारी के मुताबिक सिंधिया समर्थक 19 विधायकों के साथ सीएम कमलनाथ से नाराज विधायक बिसाहुलाल और
ऐनदल सिंह कंसाना ने भी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे दे दिया हैं जिन्हें मिलाकर कांग्रेस के 21विधायक अब तक इस्तीफा दे चुके हैं। बिसाहुलाल ने तो बीजेपी की सदस्यता भी ग्रहण कर ली है। सूत्रों के मुताबिक 5-6 और विधायक भी इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेज सकते हैं।
केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनाए जा सकते हैं सिंधिया।
सूत्र बताते हैं कि मप्र बीजेपी के कोटे से ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्यसभा में भेजे जा सकते हैं। उन्हें मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद भी दिया जा सकता है। वे जल्द ही बीजेपी ज्वाइन करेंगे।