नहीं रहा अब शिवालयों में भीड़ का डेरा..

  
Last Updated:  July 15, 2020 " 05:27 pm"

शिव का प्रिय मास श्रावण इस बार भक्तों की अनोखी परीक्षा लेने आया है। न ज्योतिर्लिंग के दर्शन, न बोल बम की गूँज, न पवित्र नदियों के जल से शिव का जलाभिषेक और न शिवालयों में भजन-कीर्तन की धुन। इसी मनोभावना को डॉ. रीना रवि मालपानी ने कविता में पिरोया है:-

*”कोरोना काल में एक सावन ऐसा भी आया”*

“`कोरोना काल मे एक सावन ऐसा भी आया, जिसने प्रकृति की सुंदरता के बीच अजीब सन्नाटा फैलाया।।

नहीं रहा शिवालयों में अब भीड़ का डेरा, कोरोना संक्रमण के कारण ऐसा है डर का घेरा।।

नही सुनाई देती चहुं ओर बम-बम भोले की आवाज़, कोरोना ने किया तबाही का ऐसा आगाज़।।

कावड़ यात्रा में उत्पन्न हुआ विघ्न, महादेव कोरोना काल से मुक्ति दो निर्विघ्न।।

ज्योतिर्लिंग के दर्शन को तरसते अभिलाषी दर्शनार्थी, महाँकाल के आशीर्वाद के हम सब है प्रार्थी।।

शिवमानस पूजन से करते अविनाशी विश्वनाथ का ध्यान, उमानाथ हमें कोरोना त्रास से मुक्ति का दो वरदान।।

घर को ही मंदिर में परिवर्तित करते इस साल, कोरोना ने बनाया सबका हाल बेहाल।।

शिव भजनों की आज नहीं सुनाई देती धुन, जिंदगी में अभी चल रही अजीब सी उधेड़बुन।।

सावन में फैली सर्वत्र हरियाली ही हरियाली, नीलकंठ ने तो सर्वहित में पी थी विष की प्याली।।

झूलों की नही दिखती है कहीं इस बार बहार, डॉ. रीना कहती है त्रिलोकीनाथ इस महामारी से लगाओं बेड़ा पार।।“`

*डॉ. रीना रवि मालपानी*

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *