🔹 नरेंद्र भाले 🔹
शीर्ष दो स्थानों पर चल रही टीमें आमने-सामने थी और उम्मीद थी कि जोरदार मुकाबला देखने को मिलेगा लेकिन जोर से ज्यादा संघर्ष ही नजर आया। वैसे भी इस विधा में नोबॉल, वाइड या फिर कैच छोड़ना गुनाह की श्रेणी में आता है और लचर क्षेत्ररक्षण भी भारी पड़ जाता है। मुंबई ने टीम में कोई परिवर्तन नहीं किया लेकिन दिल्ली ने घायल पंत एवं हेटमायर की जगह अनुभवी अजिंक्य राहणे एवं एलेक्स केरी को खिलाया। पृथ्वी पहले ओवर में ही बोल्ट का शिकार बन गए। वैसे भी बोल्ट पावर प्ले में विकेट निकालने में उस्ताद माने जाते हैं।
राहणे ने आते ही पॉइंट पर चौका लगाया जबकि ठीक वैसे ही गेंद पर पृथ्वी कैच आउट हुए। अच्छी गेंदबाजी और धीमे विकेट ने बल्लेबाजों का काम जरूर मुश्किल कर दिया। इस दौर में पैटिंसन ने बेहद निराश किया। उनकी दिशाहीन गेंदबाजी का विशेष रुप से श्रेयस अय्यर ने भरपूर फायदा उठाया।
दूसरे छोर पर शिखर धवन अंगद का पैर बन गए। इस साझेदारी को कृणाल ने श्रेयस अय्यर (42) के रूप में तोड़ा। यहां आते ही तीन चौके लगाकर जमते हुए स्टोइनिस खुद की गलती से रन आउट हो गए। आखिर स्कोरबोर्ड 162/4 पर थम गया एवं धवन नाशाद 69 पर लौट आए। दिल्ली की पूरी पारी में केवल एक ही छक्का शिखर के बल्ले से निकला।
वैसे भी अबू धाबी के इस मैदान पर पहले खेलते हुए 170 का ही औसत रहा है। जवाब में मुंबई के लिए अपना 150 वां मैच खेल रहे रोहित शर्मा (5 ) को अक्षर पटेल ने कैच करवा दिया लेकिन इस झटके से क्विंटन डिकॉक तथा सूर्य कुमार ने अपनी टीम को संभाल लिया। दोनों ही फॉर्म में चल रहे हैं एवं कमजोर तो क्या अच्छी गेंदों को भी नसीहत देने से नहीं चूकते। डिकॉक 53 (चार चौके 3 छक्के) तथा सूर्यकुमार 53 (6 चौके 1 छक्का) पारी का केंद्र बन गए। सूर्य कुमार ने रबाडा की एक ओवर में 14 रन लेने के बावजूद लालच किया और उसी में अपना विकेट खोकर गुनाह कर लिया।
ईशान किशन (दो चौके दो छक्के )ने 28 रनों का उम्दा कैमियो खेला। उनका मुश्किल कैच पृथ्वी के हाथों से लग कर छक्के के लिए चला गया। हार्दिक खाता खोले बगैर रवाना हो गए।
इस आपात स्थिति में पोलार्ड और कृणाल ने मैच अंतिम ओवर तक अतिरिक्त नुकसान के खींच लिया। इस ओवर में कृणाल ने दो चौके जमाकर अपनी टीम को 5 विकेट से जीत दिलाई। एक कैच तथा दो रन चूकने का गुनाह हार के रूप में दिल्ली के माथे आ गया। फिर विशेष रूप से युवा खिलाड़ी ऐसे अवसर चूकते हैं तो बाजी का यही अंजाम होता है। वैसे भी दिल्ली के 1 छक्के के जवाब में मुंबई द्वारा उड़ाए गए छह छक्के जीत और हार के बीच का सबसे बड़ा फर्क रहा। मुंबई का 10 अंकों के साथ औसत + 1.39 का हो गया है और नेट रनरेट के वक्त यह निर्णायक साबित होगा।