इंदौर : झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की सेना में महिला शाखा दुर्गा दल की सेनापति झलकारी बाई अदम्य सांहस, वीरता और पराक्रम के लिए जानी जाती थी। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों से जमकर लोहा लेते हुए झलकारी बाई ने अपना बलिदान देकर रानी लक्ष्मीबाई को झांसी के किले से निकलने में मदद की थी। उन्हीं की वीरगाथा पर केंद्रित नाटक ‘झांसी की झलकारी’ यूपी के कलाकारों ने तैयार किया है। शाहजहांपुर, ललितपुर, हल्द्वानी और लखनऊ के ये कलाकार जगह – जगह घूमकर इस नाटक का मंचन कर रहे हैं। रविवार शाम इंदौर के अभिनव कला समाज में इस नाटक मंचन किया गया।
नाटक का लेखन और निर्देशन परमानंद कोरी ने किया है। उन्होंने नाटक में झलकारी बाई के पति और अंग्रेज अफसर ह्यूरोज का किरदार भी निभाया है।
अवर लाइव इंडिया से चर्चा करते हुए परमानंद कोरी ने बताया कि पहले उनका विचार वीरांगना झलकारी बाई के जीवन पर फिल्म बनाने का था पर कोरोना का प्रकोप होने से वह योजना खटाई में पड़ गई। इसके बाद उन्होंने झलकारी बाई की वीरगाथा को नाटक के माध्यम लोगों तक पहुंचाने का निश्चय किया और उसे अंजाम तक पहुंचाया। श्री कोरी ने बताया कि इंदौर में इस नाटक का तीसरा शो मंचित किया गया। दो शो यूपी में किए गए हैं। उनका लक्ष्य देशभर में इस नाटक के 100 शो मंचित करना है। नाटक में कुल 14 कलाकारों ने अभिनय किया है।
झलकारी बाई का किरदार निभाकर गौरवान्वित हूं- सौम्या
नाटक में झलकारी बाई का मुख्य किरदार हल्द्वानी की सौम्या यादव ने निभाया है। उन्होंने बताया कि वे मॉडलिंग के साथ विभिन्न भाषाओं में कई वीडियो एलबम में काम कर चुकी हैं। रंगमंच पर काम करने का उनका यह पहला अनुभव है। झलकारी बाई जैसी वीरांगना का किरदार निभाने का अवसर पाकर वे खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। इस किरदार के साथ न्याय करने के लिए उन्होंने अथक मेहनत की है। झलकारी बाई के बारे में काफी अध्ययन भी किया। इंदौर जैसे बड़े शहर में नाटक के मंचन का मौका मिलने पर उन्होंने खुशी जताई।
इंदौर में इस नाटक का मंचन अखिल भारतीय वीरांगना झलकारी महासंघ और अभिनव कला समाज के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।