इंदौर : राजबाड़ा को आदर्श व्यवस्यायिक क्षेत्र बनाने की पहल और सड़क अवरुद्धता के मसले पर इंदौर प्रशासन के असहयोग व बेरुखी से व्यापारिक संगठन नाराज हैं। इंदौर रिटेल गारमेन्ट्स एसोसिएशन, सुभाष चौक व्यापारी संघ, आड़ा बाज़ार व्यापारी एसो. 2 सितंबर गुरुवार को आधे दिन का बंद रखेंगे। वे प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए काले कपड़ों के साथ अपने व्यावसायिक मार्केट क्षेत्र में कोरोना नियम के तहत मानव श्रृंखला बनाकर विरोध दर्ज कराएंगे। इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसो. के अध्यक्ष अक्षय जैन, सचिव महेश गौर ने बताया कि सभी व्यापारी सड़क अवरुद्धता के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई के पक्षधर होकर राजबाड़ा को आदर्श व्यवस्यायिक क्षेत्र बनाने की पहल कर रहे हैं। इसी संदर्भ में वे प्रशासन से संवाद समन्वय का आग्रह करते आ रहे हैं लेकिन प्रशासन इस मामले में बेरुखी दिखा रहा है। निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने जुलाई में आश्वस्त किया था कि सड़क अवरुद्धता पर हम कार्रवाई करेंगे। इस दिशा में 20 दिन तक रिमूव्हल ने मुनादी भी की लेकिन अचानक 15 अगस्त को रिमूव्हल टीम हटा ली गई और सड़क पटरी वालों को कारोबार की खुली अघोषित छूट दे दी।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में हटाई थी 135 दुकानें।
बता दें कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 135 दुकानें गुमटियों को हटाया गया था अब उसी जगह पटरी कारोबार हो रहा है । क्या यही स्मार्ट सिटी नीति है ? यह सवाल हर बुद्धिजीवी भी कर रहा है ?प्रशासन किस दबाव में इतने बड़े अवैध सड़क कोरोबार के मसले पर खामोश है । सात व्यवस्यायिक संगठनों के समन्वयक अक्षय जैन, अविनाश शास्त्री ने आदर्श राजबाड़ा के मसले सभी जनप्रतिनिधियों प्रबुद्ध नागरिकों, पत्रकारों, शहर के शिक्षाविदों को भी पत्र भेजकर सहयोग मांगा था। बड़े पैमाने पर सामाजिक संगठनों ने प्रशासन के असंवाद को अशोभनीय कृत्य माना है । व्यापारिक संग़ठन केवल शहर के विकास की बात कर रहे हैं। किसी निजी स्वार्थ के हिस्सेदार नही हैं।
प्रशासन ने पहले तो सहयोग का भरोसा दिया लेकिन बाद में मुकर गया। इसी के चलते तमाम व्यापारिक संगठन आधे दिन दुकाने बंद रखने के साथ काले कपड़ो के साथ मानव श्रंखला बनाकर खड़े होंगे। वे स्मार्ट सिटी नीति और अवरुद्धता के मसले पर प्रशासन के दोहरे मापदंड का विरोध करेगे।