इंदौर : अवयस्क बालिका के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को अदालत ने 20 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया है।
जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव, ने बताया कि न्यायालय – पंचम अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश, इन्दौेर (मध्यप्रदेश) (पॉक्सों एक्ट) श्रीमती रश्मि वाल्टर, ने थाना हीरानगर, इन्दौर के अपराध क्रमांक 473/2018 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी धर्मेन्द्र यादव, उम्र 35 वर्ष, निवासी –इंदौर को धारा 376 (2) (एन), भा.दं.वि. में दोषी पाते हुए 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000/- रुपये आर्थैक एवं 506 भाग 2 भादवि में दोषी पाते हुए 1 माह का सश्रम कारावास व 500 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया। प्रकरण में डीपीओ संजीव श्रीवास्तशव के निर्देशन में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती प्रीति अग्रवाल द्वारा की गई।
अभियोजन के अनुसार दिनाक 23.08.2018 को फरियादी (पीडिता) ने आरक्षी केन्द्र हीरानगर, इंदौर पर मौखिक प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख कराई कि वह उसके घर पर थी,उसकी बडी बहन घर पर कोचिंग पढ़ा रही थी। उसके घर के सामने रहने वाली धर्मेन्द्र की पत्नी ने आवाज लगाकर दुकान से दूध लाने को कहा, पीड़िता धर्मेंद्र की पत्नी से पैसे लेकर दूध लेने गई और लाकर धर्मेंद्र की पत्नी को दिया व बाकी पैसे देने लगी। धर्मेन्द्र की पत्नी ने पैसे धर्मेंद्र को देने का कहा। धर्मेंद्र चढ़ाव पर खड़ा था। पीड़िता अभियुक्त धर्मेंद को पैसे देने गई तब धर्मेन्द्र पीड़िता को हाथ पकड़कर मकान की तीसरी मंजिल में बने कमरे में ले गया, जहां अभियुक्त ने उसके साथ अश्लीील हरकत कर गलत काम किया। पीडिता के चिल्लाने पर अभियुक्त ने उसका मुंह दबा दिया और किसी को उक्त बात बताने पर जान से मारने की धमकी दी।
तभी पीड़िता की बहन उपर आई तो धर्मेंद्र वहां से भाग गया। पीड़िता और उसकी बहन घर आए और पूरी घटना मां और बहन को बताई। फरियादी की उक्त सूचना के आधार पर आरक्षी केन्द्र हीरानगर इंदौर पर अपराध क्रमांक 473/2018 धारा 376 (2) (एन), 506 भा.दं.वि. एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 5एल/6 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।, जिस पर से अभियुक्त को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।