नाबालिग बालिका से दुष्कृत्य कर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बना रहे आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास

  
Last Updated:  August 10, 2023 " 10:37 pm"

पाक्सो एक्ट के साथ मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में पहली बार हुई किसी आरोपी को सजा।

इंदौर : घर मे घुसकर 16 वर्ष से कम उम्र की बालिका के साथ दुष्कृत्य करने तथा धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने वाले आरोपी को अदालत ने 20 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया है।

न्यायालय तेरहवें अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सुरेखा मिश्रा, जिला इंदौर (मध्य‍ प्रदेश) ने थाना हातोद के प्रकरण क्रमांक 243/2021 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी मोहम्मद साबिर उम्र 20 वर्ष, निवासी – इंदौर को धारा 376 (3) भादवि एवं 5एल/6 पॉक्सो एक्ट में 20-20 वर्ष, धारा 450 एवं 506 भा.दं.सं.में 07-07 वर्ष और म.प्र. धार्मिक स्वततंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 3/5 में 5 वर्ष का सश्रम कारावस व कुल 56000/- रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव के निर्देशन मे विशेष लोक अभियोजक सुशीला राठौर द्वारा की गई।

न्यायालय द्वारा 50 हजार रूपए प्रतिकर राशि एवं संपूर्ण जुर्माना राशि भी पीडित बालिका को दिलवाए जाने की अनुशंसा की।

ये था मामला ।

पीडित बालिका द्वारा दिनांक 20-08-2021 को थाना प्रभारी, हातोद को शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें कहा गया कि घटना 09 सितम्बर 2020 को 03 बजे की है। पीडिता के साथ पढ़ने वाला साबिर खान, जिसे वह स्कूल के समय से पहचानती थी. दोपहर के समय उसके घर मिलने आया तो पीडिता ने कहा कि घर में अभी कोई नहीं है, आप फिर कभी आना। तब साबिर ने कहा कि इतनी दूर से आया हूँ एक गिलास पानी तो पिला दो । पानी देकर जब वह पलटकर अन्दर गई, वैसे ही साबिर उसके पीछे घर के अन्दर घुस गया और दरवाजे की कुण्डी लगा दी तब पीडिता ने साबिर से कहा कि तुम अन्दर कैसे आ गये, तुरन्त बाहर निकल जाओ, इतने मे उसने मेरा मुंह दबा दिया और चाकू निकाल लिया और कहा चिल्ला चोट की तो यहीं पर गर्दन काट देगा, जिससे मै बहुत डर गई। साबिर ने चाकू की नोक पर उसके साथ उसकी मर्जी के विरुद्ध दुष्कृंत्य किया । फिर जाते-जाते साबिर बोला कि यदि यह बात किसी को बताई तो वह उसे जान से मार देगा। वह बहुत डर गई थी. इसलिये किसी से कुछ नहीं कहा। फिर कुछ दिन बाद साबिर उसके घर आया व जबरदस्ती करने का प्रयास करने लगा। पीडिता के मना करने पर उसने कहा कि उस दिन उसने आपत्तिजनक स्थिति में फोटो खीच लिये थे और वीडियो भी बनाया था। जो वह बोलता है वह नहीं करेगी तो यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करके उसे व उसके परिवार को आत्महत्या करने के लिये मजबूर कर देगा मजबूरी के कारण साबिर ने जैसा बोला वह वैसा करती गई। एक दिन साबिर ने कहा कि अब तुझे अपना धर्म बदलकर मुस्लिम बनना पड़ेगा और निकाह भी करना पड़ेगा और नहीं मानी तो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा। इससे मै बहुत घबरा गई और सारी बातें डरते हुए अपने माता-पिता व भाई को बताई और इन्हें साथ लेकर थाने पर आवेदन लेकर आई । बालिका के उक्त शिकायती आवेदन के आधार पर आरोपी के विरूद्ध प्रथम दृष्ट्या भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376 (2)एन), 376 (3), 450, 506 व लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 5 (एल)/6 तथा मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 की धारा 3/5 का अपराध पाया जाने से एफआईआर पंजीबद्ध की गई व मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान पीड़ित बालिका का मेडिकल परीक्षण करवाया गया। बालिका एवं अन्य साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किए गए। सम्पूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र अभियुक्त के विरुद्ध न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिस पर से अभियुक्त को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।

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