निजी अस्पतालों के प्रबन्धकों को कोविड मरीजों के इलाज को लेकर संशोधित गाइडलाइन से कराया गया अवगत

  
Last Updated:  August 8, 2020 " 01:18 am"

इंदौर : जिले में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए निजी और शासकीय अस्पतालों में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मरीजों के इलाज के लिये 28 निजी अस्पतालों में भी कोरोना मरीजों के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इन अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज तथा उन्हें डिस्चार्ज करने के बारे में तय दिशा-निर्देशों की जानकारी देने के लिये शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय में निजी अस्पताल प्रबन्धकों की बैठक बुलाई गई। कलेक्टर मनीष सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सभी अस्पतालों के प्रबंधक मौजूद थे। उन्हें मरीजों के इलाज तथा उन्हें डिस्चार्ज करने के बारे में तय गाइडलाइन की विस्तार से जानकारी दी गई।

निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत हो उपचार।

कलेक्टर मनीष सिंह ने अस्पताल प्रबंधकों को निर्देश दिये कि मरीज के आने के साथ ही उनका उपचार शुरु कर दिया जाए। इलाज निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत किया जाए। यह ध्यान रखा जाए की कोई भी मरीज इधर-उधर नहीं भटके। मरीजों को डिस्चार्ज पॉलिसी के तहत ही डिस्चार्ज करें। अस्पताल में भर्ती मरीजों की पेरेन्टल केयर सुनिश्चित करें। ऐसी व्यवस्था हो जिससे अस्पताल में उन्हें परिवार की तरह ही देखभाल मिले, अकेलापन उन्हें महसूस नहीं हो, जिससे उनका आत्मविश्वास बना रहे। काउंसिलिंग भी नियमित की जाए। कलेक्टर मनीष सिंह ने निर्देश दिए कि भर्ती मरीजों के परिजनों से संवाद के लिये सभी अस्पतालों में व्यवस्था की जाए। अपने यहां एक-एक चिकित्सकों की ड्यूटी लगाए, यह चिकित्सक मरीजों के परिजनों से नियमित संपर्क में रहे और उन्हें समय-समय पर मरीजों के संबंध में आवश्यक जानकारी देते रहें। मरीजों के इलाज, सुरक्षा, व्यवस्था, डिस्चार्ज आदि के लिये बनायी गई एसओपी तथा शासन और आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों का पुरा पालन किया जाए। निर्धारित संख्या में आइसोलेशन/बेड्स की व्यवस्था रखी जाये। पर्याप्त स्टॉफ रहे यह सुनिश्चित किया जाए। अस्पताल में पुरे सुरक्षात्मक उपाय हो।

कोविड मरीजों को भर्ती करने से इनकार नहीं करें।

कलेक्टर ने बैठक में निर्देश दिए कि निर्धारित अस्पतालों में आने वाले कोविड मरीजों को भर्ती करने से मना नहीं किया जाए। यह ध्यान रखा जाए की अगर कोई मरीज गंभीर स्थिति में हो तो उसे दूसरे अस्पताल में नहीं भेजे उसका जहां भर्ती है वहीं समुचित इलाज किया जाए। प्रोटोकॉल के तहत निर्धारित दवाइयों का समुचित मात्रा में इंतजाम रखा जाए।

मरीजों के इलाज की नई व्यवस्था।

बैठक में डॉ. हेमंत जैन ने बताया कि कोविड-19 के लक्षणों की गंभीरता के आधार पर भर्ती रोगियों के डिस्चार्ज के संबंध में नई व्यवस्था बनाई गई है। इसके तहत मंद, अतिमंद, लक्षण रहित प्रकरणों में जिस दिन से मरीज भर्ती होता है या लक्षण होते हैं ऐसे प्रकरणों में अगर उसे विगत तीन दिन में बुखार नहीं आता है और अन्य लक्षण नहीं दिखाई देते हैं तो उसे दस दिन की निर्धारित अवधि पर बगैर कोविड जांच के डिस्चार्ज किया जा सकता है। ऐसे रोगियों को अगले सात दिन में होम आइसोलेशन में रहना होगा। इसके अलावा मध्यम लक्षण वाले रोगी के डिस्चार्ज के संबंध में भी दिशा-निर्देश दिये गये। बताया गया कि ऐसे रोगियों का अगर विगत तीन दिन में आक्सीजन लेवल 95 या उससे अधिक रहता है तथा उन्हें बुखार भी नहीं हो तो लक्षण चालू होने के दस दिन की निर्धारित अवधि पर डिस्चार्ज किया जा सकता है। ऐसे मरीजों की भी पुन: कोविड जांच की आवश्यकता नहीं है। साथ ही बताया गया कि गंभीर निमोनिया और अति गंभीर कोविड मरीज जिनको अन्य गंभीर बीमारियां भी हैं, ऐसे मरीजों को क्लीनिकली पूर्ण रिकवर होने तथा लक्षणों के पूरी तरह ठीक होने के बाद ही डिस्चार्ज करने के निर्देश दिए गए। साथ ही कहा गया कि ऐसे मरीजों की कोविड-19 की जांच करायी जाए तथा निगेटिव आने पर ही डिस्चार्ज किया जाए।

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