इंदौर : बीते 10 दिनों के बाद जागे जिला प्रशासन ने सैम्पलिंग और टेस्टिंग के बीच बढ़ते अंतर को पाटने की कवायद शुरू की है। हालांकि अंतर इतना ज्यादा है कि एक भी नया सैम्पल लिए बगैर केवल पुराने सैम्पलों की टेस्टिंग की जाए तो भी कम से कम तीन दिन लग सकते हैं।खैर, नींद से जागे प्रशासन ने मंगलवार को 800 से अधिक पेंडिंग सैम्पलों का भी निपटारा (टेस्टिंग) किया। अभी भी करीब 4000 सैम्पलों की टेस्टिंग होना शेष है।
93 नए संक्रमित मिले, टेस्टिंग के अनुपात में कम हुआ संक्रमण।
मंगलवार 14 जुलाई को 93 सैम्पल कोरोना संक्रमित पाए गए। देखने में ये संख्या भले ही बड़ी लगे लेकिन टेस्टिंग के अनुपात में देखा जाए तो संक्रमितों की संख्या में कमीं आई है। मंगलवार को 2298 सैम्पल लिए गए पर टेस्टिंग 3158 की हुई।याने 860 पेंडिंग सैम्पल भी टेस्ट किये गए। 3158 में 3039 निगेटिव और 93 पॉजिटिव पाए गए। 25 रिपीट पॉजिटिव मिले जबकि एक सैम्पल जांच योग्य नहीं पाया गया। कुल टेस्ट किये गए सैम्पलों से पॉजिटिव सैम्पलों का अनुपात निकाला जाए तो यह 3 फीसदी बैठता है। इसके मायने ये है कि बीते दिनों में संक्रमण का जो औसत 5 से 6 फीसदी तक चला गया था, उसमें कमीं आई है। ये अच्छा संकेत है।
आज दिनांक तक की स्थिति की बात करें तो इंदौर में कुल 1 लाख 8 हजार 480 सैम्पलों की टेस्टिंग हुई है। 5496 सैम्पल पॉजिटिव पाए गए हैं। इनका औसत निकाला जाए तो 5 फीसदी से ज्यादा है।
मृत्यु दर का राष्ट्रीय औसत से ज्यादा होना चिंताजनक।
मंगलवार को 5 मरीजों की मौत की पुष्टि की गई। इनमें 2 मरीजों की मौत अप्रैल माह में हुई थी, जिनकी अब जाकर पुष्टि की जा रही है। अब तक कुल 278 मरीज कोरोना संक्रमण से अपनी जिंदगी गंवा चुके हैं। कुल संक्रमित मामलों से इसका औसत देखा जाए तो 5 फीसदी से ज्यादा है। अर्थात हमारे शहर में कोरोना से मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है।
46 मरीज कोरोना वीर बनकर पहुंचे घर।
मंगलवार को विभिन्न कोविड अस्पतालों से 46 मरीज ठीक होकर घर पहुंच गए। इन्हें मिलाकर अभी तक कुल 4074 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं। 1344 मरीजों का इलाज फिलहाल चल रहा है।