नेमा ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री से की डीन की शिकायत, मरीजों के परिजनों से दुर्व्यवहार का लगाया आरोप

  
Last Updated:  May 23, 2021 " 05:27 pm"

इंदौर : पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नेमा ने मध्य प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से चर्चा कर इंदौर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित के कथित दुर्व्यवहार की शिकायत की। नेमा का आरोप है कि ब्लैक फंगस से पीड़ित के परिजनों के साथ डीन डॉ. दीक्षित अपमानजनक बर्ताव कर रहे हैं।उनका कहना है ब्लैक फंगस के मरीजों के परिजनों की परेशानी दूर करने की बजाए वे उन्हें दुत्कार कर भगा देते हैं। नेमा ने संभाग आयुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा और प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट से भी चर्चा कर उनका ध्यान इस ओर दिलाया था।

महामारी में बढ़ गई है समिति की जिम्मेदारी।

गोपी नेमा ने बताया की ब्लैक फंगस के बढ़ते प्रभाव और उपचार में लगने वाले इंजेक्शन की कमी पर संभाग आयुक्त ने तीन विशेषज्ञों की कमेटी गठित की है, जिसमें डीन मेडिकल कॉलेज, प्रोफेसर मेडिसिन और प्रोफेसर ईएनटी सम्मिलित किए गए जो मरीज का परीक्षण कर इलाज हेतु इंजेक्शन एवं अन्य मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
इस बीमारी को राज्य शासन ने महामारी घोषित किया जिसका तात्पर्य है की मरीज की पूरी चिंता शासन और प्रशासन करेगा इस स्थिति में इस कमेटी की जिम्मेदारी बढ़ जाती है।

डीन डॉ. दीक्षित नहीं कर रहे फॉर्म पर हस्ताक्षर।

इंदौर के विभिन्न अस्पतालों के बीमारों के परिजन संभाग आयुक्त द्वारा जारी फॉर्म अस्पतालों से भरवा कर कमेटी को देते हैं पर डॉ दीक्षित फार्म लेते नहीं और उन पर साइन भी नहीं करते। यह शिकायत मैंने 3 दिन पूर्व मुख्यमंत्री के आगमन पर कलेक्टर कार्यालय में संभागायुक्त को की थी उन्होंने फॉर्म लेने का विश्वास मुझे दिलाया था।

पिछले दो दिनों में लगभग 10. 15 बीमारों के परिजनों ने मुझसे संपर्क किया की डॉ. दीक्षित दुर्व्यवहार करते हैं और चेंबर से निकल जाने के लिए कहते हैं। पुलिस बुलाकर बंद करवाने की बात करते हैं और कहते हैं शासन हमें इंजेक्शन नहीं दे रहा, हम आपके फॉर्म लेकर क्या करेंगे। इस प्रकार का व्यवहार मरीजों के परिजन के साथ किया जा रहा है
डॉ दीक्षित के इस कृत्य से शासन और प्रशासन की छवि धूमिल होने के साथ ही बीमारी से परेशान व्यक्ति के परिजनों को मानसिक आघात पहुंच रहा है।

नेमा के मुताबिक इसी के चलते डॉ. दीक्षित की के संवेदनाहीन बर्ताव की जानकारी उन्होंने संभाग आयुक्त और इंदौर करोना प्रभारी मंत्री सिलावट को दी थी।दोनों ने मुझे आश्वस्त किया कि हम चर्चा कर मरीजों को परेशान नहीं होने देंगे
नेमा ने बताया कि रविवार को उन्होंने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से भी चर्चा की और संपूर्ण घटनाक्रम से उन्हें अवगत कराया।

डॉ. दीक्षित पर करें कार्रवाई।

नेमा ने मांग की है कि शासन- प्रशासन की छवि धूमिल करने और बीमारी से परेशान मरीजों के परिजनों से अमानवीय व्यवहार करने वाले डॉक्टर दीक्षित को तत्काल सस्पेंड किया जाए और जांच में मरीजों के परिजनों के बयान लेकर विधि सम्मत कार्रवाई की जाए। ब्लैक फंगस महामारी घोषित होने के बाद शासन और प्रशासन की पूर्ण जिम्मेदारी इस बीमारी के संबंध में हो जाती है।
नेमा के मुताबिक मुख्यमंत्री चौहान को भी वे इस घटना से शीघ्र अवगत कराएंगे।

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