इंदौर: व्यापार- व्यवसाय के साथ इंदौर शहर कला- संस्कृति का भी नगर है। वीकेंड पर तो यहां गीत- संगीत और नाटकों के कई आयोजन रखे जाते हैं। रसिक श्रोता भी इनमें अपनी हाजिरी बजाना नहीं भूलते चाहे फिर कोई भी परेशानी क्यूं न आये।इस रविवार( 17 दिसंबर ) को ठिठुरने पर विवश करती सर्द हवाएं चल रहीं थी फिर भी यहां स्थित जाल सभागृह में महफ़िल- ए- सरगम द्वारा सजाई गई गीत- संगीत की महफ़िल में सैकड़ों श्रोता मौजूद थे। बाहर शीतलहर कंपकपाने पर आमादा थी तो हॉल के अंदर सुरीले गीतों की बयार रसिकों को कुर्सियों पर जमे रहने को विवश कर रही थी। गायक कलाकार और साजिंदों ने मिलकर कुछ ऐसी स्वर लहरियां बिखेरी की लोग ठंडी हवाओं की चुभन भूल हर गीत का लुत्फ उठाने लगे। मनीष शुक्ला, सत्यम श्रीवास्तव, पिंकी श्रीवास्तव, शिवानी दशोरे, डॉ. निखिल सक्सेना, प्रतिभा सक्सेना, अजय अग्रवाल, संध्या चौहान आदि कलाकारों ने कई सुमधुर एकल और युगल गीत पेश किए। कार्यक्रम को एक लड़ी में पिरोने की याने सूत्र संचालन की जिम्मेदारी मोना ठाकुर ने शिद्दत के साथ निभाई। देर तक गीत- संगीत का ये सफर चलता रहा और श्रोता उसका आनंद लेते रहे। सही मायने में कहें तो सर्द बयारों पर सुरीली बयारें भारी पड़ गई।
शीतलहर पर भारी सुमधुर गीतों की बयार ।
Last Updated: December 17, 2018 " 08:40 am"
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