इंदौर : दहेज के लिए प्रताड़ित कर पत्नी को आत्महत्या के लिए विवश करने वाले आरोपी पति को अदालत ने 7 वर्ष के कारावास से दंडित किया है।
जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव, ने बताया कि दिनांक 31.03.2023 को न्यायालय- राकेश कुमार ठाकुर, पच्चीसवें अपर सत्र न्यायाधीश, इन्दौर (मध्य. प्रदेश), ने थाना लसुडिया के अपराध क्रमांक 407/2015 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी अभिषेक उर्फ बंटी पिता अशोक यादव, उम्र 33 वर्ष, निवासी – मकान नंबर आर 528, महालक्ष्मी नगर इंदौर (मध्यप्रदेश) को 304-बी भा.दं.सं. में 7 वर्ष का साधारण कारावास, धारा 498-ए भा.दं.वि. में 2 वर्ष का साधारण कारावास और धारा 3 सहपठित धारा 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में 1 वर्ष के साधारण कारावास से दंडित किया है।आरोपी को कुल 5000 रुपये के अर्थदण्ड से भी दंडित किया गया है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक श्रीमती शोभा दशोरे द्वारा की गई।
ये था पूरा मामला।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि क्रिप्स हॉस्पिटल, महालक्ष्मी नगर, इंदौर से थाना लसुडिया पर सूचना प्राप्त हुई कि अज्ञात कारण से मृत अवस्था में तृप्ति यादव पत्नी अभिषेक यादव को उसके ससुर अशोक यादव लेकर आए हैं, जिसकी सूचना पर थाना लसुडिया पर मर्ग क्रमांक 32/2015 धारा 174 दं.प्र.सं. का कायम किया जाकर एमवाय हॉस्पिटल में पी.एम.करवाया गया। मर्ग जाँच के दौरान मृतिका की माँ आशाबाई एवं भाई अर्पित के कथन लेख किए गए। उनके द्वारा जाँच में बताया गया कि मृतिका के पति अभिषेक, ससुर अशोक, सास शकुंतला, ननद प्रीति, रितु एवं नंदोई मनोहर द्वारा शादी में दहेज कम लाने की बात पर से छोटी-छोटी बातों पर मृतिका से विवाद कर उसे शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जाता था। प्रताड़नाओं से तंग आकर मृतिका ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जाँच उपरान्त थाना लसुडिया के अपराध क्रमांक 407/2015 धारा 304-बी, 498-ए, 34 भा.दं.वि. एवं धारा ¾ दहेज प्रतिषेध अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध किया गया। संपूर्ण अनुसंधान पश्चचात् अभियुक्त गण के विरुद्ध धारा 304-बी भा.दं.सं. के अन्तर्गत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिस पर से अभियुक्तगण को उक्त सजा और जुर्माने से दण्डित किया गया।