इंदौर : पत्नी को प्रताडित कर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले आरोपी को अदालत ने 10 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया है।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव, ने बताया कि न्यायालय – चतुर्थ अपर सत्र न् यायाधीश, श्रीमान जयदीप सिंह, इन्दौर (मध्य प्रदेश), ने थाना हीरानगर, जिला इंदौर के अपराध में सत्र प्रकरण क्रमांक 151/2014 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी कमलेश उर्फ मन्नु आयु 35 वर्ष, निवासी गणेशनगर इंदौर को धारा 304 बी भा.दं.सं. में 10 वर्ष सश्रम कारावास, धारा 3 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में 5 वर्ष का सश्रम कारावास तथा धारा 498 ए भा.दं.सं. में 2 वर्ष का सश्रम कारावास और 16000/ रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया।प्रकरण में जिला अभियोजन अधिकारी के निर्देशन में अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक हेमन्त राठौर द्वारा की गई।
अभियोजन का मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि पुलिस थाना हीरानगर, इंदौर पर एम.वाय. अस्पताल के टेलीफोन ऑपरेटर ने दिनांक 05.02.2014 को फोन कर सूचना दी कि महिला के शत-प्रतिशत जलने से परिजन दिनांक 04.02.2014 को शाम 6:45 बजे लेकर आए थे, ईलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई है। उक्त सूचना पर थाना हीरानगर पर मर्ग कं. 9/14 पंजीबद्ध किया गया जिसमें उन्होंने मृतिका के पिता एवं माता के कथन लेखबद्ध किए। उन्होंने बताया कि मृतिका की शादी आरोपी कमलेश उर्फ मुन्नू के साथ दिनांक 25.04.2012 को सामाजिक रीति-रिवाज से की थी व शादी में अपने सामर्थ्य अनुसार दहेज भी दिया था। करीब 7 माह से मृतिका अपने पति व बच्चे के साथ ससुराल से अलग-अलग मकान बदलकर रह रही थी। माह नवम्बर, 2013 दीपावली के धनतेरस के दिन दामाद कमलेश उर्फ मुन्नू ने फरियादी मुन्नालाल के मोबाईल पर फोन कर बोला कि उसे इसी समय पल्सर मोटर साइकिल चाहिये, नहीं तो वह अपनी लड़की को घर ले जाए। फरियादी ने बोला कि यदि आरोपी के पास पैसे हो तो वह फायनेंस करवा देता है. तो आरोपी बोला कि पैसे से नहीं खरीदूंगा, तुमने दहेज में मोटर साइकिल नहीं दी थी, अब दिलाना पड़ेगी। पल्सर मोटरसाइकिल नहीं दिलाने के कारण आरोपी शराब पीकर पत्नी से मारपीट करने लगा। पति कमलेश उर्फ मुन्नू द्वारा आए दिन की प्रताड़ना से तंग आकर पत्नी (मृतिका) ने खुद को आग लगा ली। बुरी तरह झुलसी हालत में उसे एम.वाय. अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां महिला की ईलाज के दौरान मृत्यु हो गई। मृतिका के माता-पिता के उक्त कथनों के आधार पर आरोपी के विरूद्ध थाना हीरानगर, इंदौर पर अपराध क. 151/2014 अंतर्गत धारा 304-बी, 498-ए भादसं एवं 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आरोपी को गिरफ्तार किया गया व उसके कथन लेखबद्ध किए गए। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिस पर से अभियुक्त को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।