इंदौर : वक्त तेजी से बदल रहा है। बदलते वक्त के साथ सोशल मीडिया के आगमन ने हमें दुनिया से जुड़ने का तो मौका दिया है लेकिन इस आभासी दुनिया ने हमें अपनों से दूर कर दिया है। एक ही घर में रहते हुए भी हमारा आपस में संवाद खत्म सा होने लगा है। आपसी रिश्तों की वह संवेदना ही गायब हो गई है, जिससे घर- परिवार एक सूत्र में बंधा रहता है। इसी बात को सामने रखता है नाटक ‘रिश्तों का लाइव टेलीकास्ट’, जिसका मंचन अभिनव कला समाज के सभागार में नाट्य संस्था पथिक के कलाकारों ने किया। नाटक का निर्देशन सतीश श्रोत्रि ने किया।
नाटक की कहानी एक मध्यमवर्गीय परिवार के इर्दगिर्द घुमती है जिसमें घर के मुखिया हरिप्रसाद अपनी पत्नी राधिका पुत्र राहुल और बेटी श्रुति के साथ रहते हैं। ऊपरी तौर पर तो लगता है कि वे खुशहाल जीवन जी रहे हैं पर चारों का आपस में संवाद नहीं के बराबर होता है। घर का मुखिया ईमानदारी से नौकरी करते हुए घर को चलाने की उधेड़बुन में लगा रहता है। बेटी दोस्तों के साथ चेटिंग में व्यस्त रहती है, उसके पास मां की बातों पर ध्यान देने की फुरसत नहीं होती। बेटा राहुल स्ट्रगलर एक्टर है। उसे पोर्टफोलियो बनाने के लिए 50 हजार रुपयों की जरूरत है पर साधारण सी नौकरी करनेवाले पिता हरिप्रसाद को बेटे राहुल की यह बात फिजूलखर्ची लगती है। उधर राधिका आम गृहणी की तरह चाहती है कि घर के सभी सदस्यों के बीच संवाद बना रहे और वे एक- दूसरे के साथ अपने सुख- दुख साझा करें। इस बीच कहानी नया मोड़ लेती है। पिता की बात से नाराज होकर घर छोड़कर जाने वाला राहुल आकर बताता है कि वह एक रियलिटी टीवी गेम शो ‘रिश्तों का लाइव टेलीकास्ट’ में सिलेक्ट हो गया है, जिसका लाइव टेलीकास्ट पूरे देश में होने वाला है। शर्त ये है कि पूरा परिवार गेम शो का हिस्सा बनें । पहले तो पिता हरिप्रसाद इसके लिए तैयार नहीं होते पर गेम शो से मिलने वाले 50 लाख रुपए और 1 करोड़ रु. की इनामी राशि देखकर उसका हिस्सा बनने को तैयार हो जाते हैं।
गेम शो के गॉडफादर अपने टीवी चैनल की एक मॉडल जिनल डिसूजा को सारा मलिक के नाम से गेम शो में भेजकर इस परिवार का हिस्सा बना देते हैं। शो के दौरान गॉडफादर परिवार के सभी सदस्यों को अपने किसी करीबी से फोन पर बात करने का मौका देते हैं। हरिप्रसाद अपने वित्तीय सलाहकार शेर खान, राहुल अपने मित्र जय और श्रुति अपने बॉय फ्रेंड किरण से बात करने की इच्छा जाहिर करती है। राधिका किसी से भी बात करने की इच्छा व्यक्त नहीं करती। वह इस बात से खुश है कि घर के सारे लोग 24 घंटे साथ हैं और उनसे उसका संवाद बना हुआ है।
इस बीच कथानक में ट्विस्ट आता है। गॉडफादर सभी प्रतिभागियों के किरदार बदल देते हैं, अर्थात पिता हरिप्रसाद की भूमिका में बेटा राहुल और राहुल की भूमिका में हरिप्रसाद आ जाते हैं। श्रुति मां राधिका के किरदार में आ जाती है तो राधिका को श्रुति का किरदार मिल जाता है। इन्हीं बदले हुए किरदारों की, चुने हुए मित्रों से फोन पर जब बात होती है तो सभी एक- दूसरे की भावनाओं से वाकिफ हो जाते हैं और उन्हें ये बात समझ में आती है कि एक ही घर में रहते हुए भी उनमें आपसी संवाद खत्म हो गया था। सभी एक- दूसरे से इस बात के लिए क्षमा याचना करते हैं। उन्हें ये भी पता चलता है कि जनता ने उन्हें शो से वॉकआउट कर दिया है। टीवी चैनल की ओर से उन्हें वाइल्ड कार्ड इंट्री का ऑफर दिया जाता है पर राधिका इनकार कर देती है क्योंकि उनके रिश्ते आपस में फिर जुड़ गए हैं।
नाटक में हरिप्रसाद की भूमिका संजय पांडे ने निभाई। राधिका के किरदार को शुभदा केकरे ने अभिनीत किया। राहुल की भूमिका में राहुल प्रजापति थे। श्रुति का किरदार वेदांगी सिन्नरकर ने निभाया जबकि सारा की भूमिका में थी रोशनी दीपके। सभी ने अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया। पार्श्व में अपनी आवाज देनेवाले साथी थे गॉडफादर- गौतम मालवीय, शेर खान- अनिल धाकतोड़, जय- मिलिंद शर्मा और किरण- सागर शेंडे। राहुल दीपके, राजकुमारी सोनी और प्रकाश अग्निहोत्री की रंगमंच व्यवस्था नाटक के कथानक के अनुकूल रही। प्रकाश व्यवस्था- अविनाश शिवनकर, संगीत- प्रणीत केकरे और वेशभूषा- स्वाति श्रोत्रि की थी। कुल मिलाकर यह नाटक परिवारों में खत्म हो रहे आपसी संवाद की समस्या को दर्शकों तक पहुंचाने में सफल रहा।