इंदौर : धर्मस्थलों को खोले जाने, सोशल डिस्टेंसिंग और भीड़ नियंत्रण सहित अन्य उपायों के बारे में चर्चा के लिये मंगलवार को एआईसीटीएसएल परिसर में प्रशासन के साथ धर्मगुरूओं तथा धर्मस्थल प्रबंधकों की बैठक बुलाई गई। बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह, सांसद शंकर लालवानी, विभिन्न धर्मों के प्रमुख और धर्मस्थलों के प्रबंधक मौजूद थे। बैठक में सर्वसम्मति से धर्मगुरूओं और धर्मस्थलों के प्रबंधकों ने तय किया कि धर्मस्थल अभी नहीं खोले जाएं।परिस्थितियों को देखकर आनेवाले समय में धर्मस्थल खोलने संबंधी निर्णय प्रशासन अपने स्तर पर लें।
फिलहाल नहीं खुलेंगे धर्मस्थल।
बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि धर्मस्थलों को खोले जाने के बारे में वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सात दिन बाद धर्मगुरूओं और धर्मस्थल प्रबंधकों के साथ पुन: बैठक कर धर्मस्थल खोले जाने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इंदौर में कोरोना से उपजी स्थिति को सुधारने में विभिन्न धर्मों के प्रमुखों की भी अहम भूमिका रही है। बड़ी मुश्किल से हालात बेहतर हो रहे हैं। ऐसे समय में सबके सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मगुरू तथा प्रबंधक अपने-अपने धर्मस्थल से संबंधित सदस्यों से चर्चा कर भविष्य के लिये प्लान तैयार करें। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, भीड़ नियंत्रण और अन्य उपायों पर विस्तृत प्लान हो। उन्होंने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने की जिम्मेदारी संबंधित धर्मस्थल के प्रमुखों की रहेगी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खुलने के बाद कोरोना के संक्रमण की स्थिति आगामी 25 जून तक सामने आ जाएगी। इसका आकलन कर इंदौर में समुचित व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
धर्मस्थलों के परिसर में सांसद कराएंगे नि:शुल्क सेनिटाइजेशन।
बैठक में सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि इंदौर अब विकट स्थिति से उबर रहा है। ऐसे वक्त में हमें और अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। सभी ने जिस तरह शासन-प्रशासन को पूर्व में सहयोग दिया है, अभी भी उसी तरह का सहयोग दें। धर्मस्थलों को खोले जाने के संबंध में सर्वसम्मति से जो निर्णय हुआ है, उसका धैर्यपूर्वक पालन किया जाए। उन्होंने बताया कि सांसद कार्यालय द्वारा नॉन एल्कोहॉलिक सेनिटाइजेशन के लिये दो मशीनें क्रय की गई हैं। जो भी धर्मस्थल अपने परिसर में सेनिेटाइजेशन करवाना चाहते हैं, उनके यहां नि:शुल्क नॉन एल्कोहॉलिक सेनिटाइजेशन करवाया जाएगा।
धर्मगुरुओं ने प्रशासन पर छोड़ा निर्णय।
बैठक में शहर काजी डॉ. इशरत अली, गुरूसिंघ सभा के जसवीर सिंह गाँधी, बिशप चाको, सुरेश कार्लटन और अशोक भट्ट सहित विभिन्न धर्मस्थलों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों ने अपने-अपने सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप धर्मस्थल खोले जाना उचित नहीं है। अभी और इंतजार करने की आवश्यकता है। अगले कुछ दिनों बाद स्थिति की पुन: समीक्षा कर जिला प्रशासन हालातों के मद्देनजर धर्मस्थल खोलने का निर्णय अपने स्तर पर लें। हमारे द्वारा जिला प्रशासन को पूरा सहयोग दिया जाएगा। बैठक में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी बीबीबी तोमर भी उपस्थित थे।