प्रस्तावक पर दबाव बनाकर मुझे भी चुनाव लड़ने से रोकने का किया गया प्रयास

  
Last Updated:  May 10, 2024 " 11:05 pm"

अवर लाइव इंडिया.कॉम से चर्चा में बोले जनहित पार्टी के अध्यक्ष, निर्दलीय प्रत्याशी अभय जैन।

धनबल मुक्त राजनीति की पक्षधर है जनहित पार्टी।

संघ के पूर्व प्रचारक रहे हैं अभय जैन।

इंदौर : धनबल, बाहुबल, दबाव, प्रभाव और प्रलोभन वर्तमान राजनीति का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। बीजेपी, कांग्रेस सहित तमाम राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए कोई भी हथकंडा अपनाने में पीछे नहीं रहते। ऐसे माहौल के बीच एक नया दल हौले से राजनीति में कदम रखता है और राजनीति व चुनाव को धनबल, बाहुबल से मुक्त करने की बात करता है तो हैरत होना स्वाभाविक है। ये दल है जनहित पार्टी। संघ की पृष्ठभूमि से जुड़े अभय जैन इस दल के अध्यक्ष हैं। वे निर्दलीय प्रत्याशी के बतौर इंदौर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं। पूर्व में संघ के प्रचारक रहे अभय जैन के साथ जो लोग जुड़े हैं वे भी प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रूप से संघ में काम कर चुके हैं। अवर लाइव इंडिया.कॉम से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों की नीतियां जनता के हित से कोसों दूर है। इसीलिए जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर वे चुनाव मैदान में उतरे हैं। उम्मीद है कि उन्हें जनता का समर्थन मिलेगा।

जनहित पार्टी ने ये उठाए हैं मुद्दे :-

अभय जैन ने बताया कि उनकी पार्टी का मूल मुद्दा है राजनीति और चुनाव धनबल से मुक्त हो। इसके अलावा किसानों को दाम, युवाओं को काम, भ्रष्टाचार पर लगाम, महिलाओं का सम्मान और नशे पर विराम। इन मुद्दों को लेकर हम जनता के बीच जा रहे हैं। चुनाव पूरी सादगी के साथ लड़ रहे हैं।जिला निर्वाचन कार्यालय से सेब चुनाव चिन्ह के रूप में मिला है। जनहित पार्टी के जो बैनर लगाए हैं, वो भी हाथ से बनाएं हैं।

राजनीति धनबल से मुक्त हुए बिना भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लग सकती।

निर्दलीय प्रत्याशी अभय जैन के अनुसार राजनीति के धनबल के प्रभाव से मुक्त हुए बगैर भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं कसी जा सकती। इसीलिए वे राजनीति को धनबल सहित हर तरह के दबाव और प्रलोभन से मुक्त करने के पक्षधर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और कांग्रेस की नीतियां धनपतियों के लिए अनुकूल हैं। जनहित से उनका कोई सरोकार नहीं हैं।

अक्षय बम एपिसोड लोकतंत्र के लिए शर्मनाक।

श्री जैन ने कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा ऐन मौके पर नाम वापस लेकर बीजेपी में शामिल होने के मुद्दे पर कहा कि यह घटना लोकतंत्र के लिए बेहद शर्मनाक है। इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है।

प्रस्तावक को प्रलोभन देकर उन्हें चुनाव मैदान से हटाने का किया गया प्रयास।

निर्दलीय प्रत्याशी अभय जैन ने बताया कि बीजेपी के शीर्ष नेता मंत्री, विधायक और नगर अध्यक्ष उनसे मिलने आए थे और नाम वापसी का अनुरोध किया था। संघ में रहते इन सभी से पुराना संपर्क रहा है, अतः वे उन पर तो दबाव नहीं बना सकते थे लेकिन उनके एक प्रस्तावक पर जरूर दबाव बनाकर मुझे चुनाव लड़ने से रोकने का प्रयास किया गया। वो प्रस्तावक किसी दबाव और प्रलोभन में नहीं आया। इसी के चलते मैं चुनाव मैदान में डटा हुआ हूं।

बिना शर्त कोई समर्थन देना चाहे तो स्वागत है।

अभय जैन के अनुसार कांग्रेस ने भी सीधे तौर पर नहीं लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें समर्थन की पेशकश की थी। उनका साफ तौर पर कहना था कि कोई बिना शर्त समर्थन देना चाहे तो उनका स्वागत है पर किसी भी तरह की डील नहीं होगी।

जनता का मिल रहा प्रतिसाद।

अभय जैन के मुताबिक उनकी जनहित पार्टी और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को जनता पसंद कर रही है। सादगी से चुनाव लड़ने के उनके प्रयासों को भी लोगों की सराहना मिल रही है। उन्हें उम्मीद है कि मतदाताओं का अच्छा समर्थन उन्हें मिलेगा।

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