गुना : जिले में एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई। केवल 5 रुपए के अभाव में एक व्यक्ति को इलाज नहीं मिल पाया और उसने बिना इलाज के ही दम तोड़ दिया। गुना जिला अस्पताल के बाहर महिला अपने पति के इलाज के लिए गुहार लगाती रही लेकिन रात भर इलाज न मिलने के कारण उसके पति की मौत हो गई। हैरत की बात है कि जहां लोगों के इलाज के लिए सरकार बड़े बड़े दावे करती है, वहीं ऐसी घटनाएं उसकी व्यवस्थाओं की पोल खोलती नजर आतीं हैं।
बुधवार शाम एक महिला अपने पति को लेकर गुना जिला अस्पताल पहुंची थी। वहां पर उसके पास पर्ची बनवाने के लिए पैसे नहीं थे। पैसे न होने के कारण पति को भर्ती नहीं किया गया और न ही उसका इलाज शुरू हुआ। महिला रात भर जिला अस्पताल के बाहर बैठी इलाज के इंतजार में गुहार लगाती रही लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। आखिरकार जिला अस्पताल के बाहर पैसे के अभाव में बीमारी से ग्रसित युवक ने दम तोड़ दिया।
पर्ची बनवाने के 5 रुपए नहीं होने से नहीं किया गया इलाज।
इस घटना ने सरकारी अस्पतालों की बद इन्तजामी को उजागर कर दिया। इसे अमानवीयता की हद ही कहा जा सकता है कि पर्ची बनवाने के 5 रुपए नहीं होने से अस्पताल के कर्मचारियों ने मरीज को भर्ती नहीं किया और न ही डॉक्टरों ने उसका इलाज किया। नतीजा ये हुआ कि मरीज की जान चली गई।
सबसे अहम बात ये है कि सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए गरीब वर्ग के लोग ही आते हैं। उनके पास इलाज के पैसे नहीं होते। ऐसे में पर्ची कटवाने के पैसे न होने पर मरीज को इलाज से वंचित रखना घोर आपराधिक कृत्य ही कहा जा सकता है। सरकार को इस घटना के लिए जिम्मेदार कर्मचारी और डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि फिर किसी गरीब को इलाज के अभाव में अपनी जान न गंवानी पड़े।