राजेंद्र नगर क्षेत्र में कार्यशाला का किया गया आयोजन।
इंदौर : विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर राजेंद्र नगर क्षेत्र के अहिल्या वन उद्यान में रहवासियों के लिए पर्यावरण जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में पर्यावरण विशेषज्ञों ने ऐसे औषधीय पौधों के बारे में जानकारी दी, जिन्हें लगाने से पर्यावरण शुद्ध होता है और सेवन से शरीर की शुद्धता बढ़ती है। इस अवसर पर अतिथियों ने 9 प्रकार के देव पौधों का रोपण भी किया।
पर्यावरण को लेकर जागरूकता की है कमी।
राजेंद्र नगर क्षेत्र की वीआयपी परस्पर कॉलोनी स्लाइस 4 में संपन्न हुए आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कुटुंब प्रबोधन प्रमुख लक्ष्मण राव नवाथे ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज पर्यावरण की चिंता बहुत कम लोग कर रहे हैं। लोगों में जागरूकता का अभाव है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचा कर हम अप्रत्यक्ष रूप से अपने बच्चों का बचपन भी बचा सकेंगे। आज स्थिति यह है कि बच्चों को खेलने के लिए खुली जगह नहीं बची है। उन्हें ना पौधों की जानकारी होती है ना पौधों पर पलने बढ़ने वाले पक्षियों की।
अहिल्या वनों का किया जा रहा विकास।
पार्षद प्रशांत बडवे ने बताया कि महापौर और नगर निगम के सहयोग से क्षेत्र में सघन वन के रूप में अहिल्या वन विकसित किए जा रहे हैं जो वायु शुद्ध करेंगे, पक्षियों के रहने के लिए स्थान उपलब्ध होगा तथा भूमि के जल स्तर में भी वृद्धि होगी।
औषधीय पौधों की उपयोगिता की दी जानकारी।
कार्यक्रम में पर्यावरण विशेषज्ञ मनीष जोशी और दीपक शर्मा ने ऐसे औषधीय पौधों के बारे में जानकारी दी जिन्हें घर के गमलों में लगाकर आस पास के वातावरण को शुद्ध रखा जा सकता है, वहीं इनके सेवन से शरीर को अनेक प्रकार की बीमारियों से भी मुक्त रखा जा सकता है। उन्होंने इन्सुलिन के पौधे के बारे में बताया जिसके सेवन से रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है । जापानी पौधा स्टीविया के पत्ते के सेवन से शकर जैसी मिठास प्राप्त की जा सकती है। 10 प्रकार के तुलसी के पौधों के बारे में भी जानकारी दी गई, जिसके पत्ते खा कर कई बीमारियों को दूर रखा जा सकता है। पत्थर चट्टा की पत्तियां खाने से किडनी के स्टोन को निकाला जा सकता है । लेमन ट्री, जापानी स्ट्राबेरी की उपयोगिता के बारे में भी विस्तार से बताया।घर में चिड़िया बुलाने के लिए घोंसला बनाने की जानकारी भी जोशी व शर्मा ने दी। उन्होंने कहा कि मात्र आठ रुपए की लागत में यह घोंसला बनाया जा सकता है। कम लागत में वाटर रिचार्ज की तकनीक पर भी उन्होंने प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में अहिल्या वन को एक वर्ष से भी कम समयावधि में विकसित करने हेतु सहयोग देने के लिए मनीष जोशी, वरिष्ठ शिक्षक सुभाषचंद्र पाटीदार, वयोवृद्ध रुक्मिणी दीदी का सम्मान भी अतिथियों ने किया ।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी नागरिक उपस्थित थे। संचालन दीपक सेन ने किया।