फ़िल्म इंडस्ट्री में आ रहा सकारात्मक बदलाव : डेविश जैन
इंदौर: पांचवें प्रेस्टीज अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का शुभारंभ गुरुवार शाम फिल्म एवं रंगमंच जगत की जानी मानी हस्तियां, अखिलेंद्र मिश्रा (अभिनेता), मानिनी डे (अभिनेत्री ), राज रंजन (अभिनेता) और आलम खान (अभिनेता) की उपस्थिति में किया गया। इस मौके पर रंगारंग नृत्य प्रस्तुतियां भी दी गई।प्रेस्टीज इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के पहले दिन कई फिल्मों की स्क्रीनिंग हुई जिसमें हमराज, इन्फॉर्म आदि शामिल थी। फिल्म अभिनेत्री मानिनी डे द्वारा फिल्म में रुचि रखने वाले छात्रों को अभिनय से सम्बंधित बारीकियां भी बताई। वैभव विशाल जिन्होंने “स्केम 1992” जैसी प्रसिद्ध फिल्म का लेखन किया, ने के छात्रों को लेखन से सम्बंधित गुर बताए।
ड्रीम गर्ल जैसी सुप्रसिद्ध फ़िल्म के डायरेक्टर राज शांडिल्य ने पांचवें प्रेस्टिज अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल पर अपने विचार व्यक्त किए और इस गरिमामय आयोजन के लिए प्रेस्टीज प्रबन्धन को बधाई दी।
अच्छी फिल्में देखने लोग कर रहें थिएटर का रुख।
इससे पूर्व अपने स्वागत उद्बोधन में प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमैन, डॉ डेविश जैन ने प्रेस्टीज अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म समारोह में पधारे अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत के फ़िल्म क्षेत्र में पिछले एक दशक में सकारात्मक बदलाव आया है। बड़ी संख्या में सत्य घटनाओं पर आधारित, सामाजिक फिल्में बनाई जा रहीं हैं। यह हमारे फ़िल्म निर्माताओं व दर्शकों की बढ़ती हुई मेच्योरिटी को दर्शाता है। जैन ने कहा कि अन्य क्षेत्रों की तरह फिल्मी दुनिया भी कोरोना महामारी से प्रभावित हुई पर अब वह इन कठिनाइयों से उबर रही है। उन्होंने कहा अच्छी फिल्में देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में थिएटर की तरफ जा रहे हैं। कश्मीर फ़ाइल की अपार सफलता इस बदलाव का ज्वलंत उदाहरण है।
अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह के दौरान रूस, फ्रांस सहित देश, विदेश के ख्याति प्राप्त निर्देशकों द्वारा निर्मित एवं निर्देशित फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। फ़िल्म महोत्सव में गुरुवार रात ड्राइव इन सिनेमा का आयोजन किया गया जिसमें राज शांडिल्य की पहली निर्देशित फिल्म ड्रीम गर्ल को दिखाया गया। वहां मौजूद लोगों ने इस फ़िल्म का पूरा लुत्फ उठाया।