पद्मश्री जनक पलटा`पीआईएमआर इंस्पायरिंग वुमन’ पुरस्कार से सम्मानित।
इंदौर : महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च द्वारा एमपी काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सहयोग से “कोविड परिदृश्य के बाद महिला उद्यमिता और कौशल विकास” पर सेमिनार का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर प्रेस्टीज समूह की रेणु जैन के हाथों पद्मश्री जनक पलटा को मध्य प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों की आदिवासी बालिकाओं को शिक्षित करने, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में उल्लेखनीय योगदान के लिए `पीआईएमआर इंस्पायरिंग वुमन’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सेमिनार को सम्बोधित करते हुए डॉ. पलटा ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब लड़कियों की कहानियों को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने अनपढ़ लड़कियों को साक्षर और उद्यमी बनाया। स्कूल छोड़ने वाले छात्रों को भी उद्यमिता के लिए प्रशिक्षित किया।
डॉ. एस. रमन अय्यर, निदेशक, पीआईएमआर (यूजी) ने देश के आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ गरीबी की चुनौतियों पर काबू पाने और टिकाऊ विकास के वैश्विक लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान कर्ता के रूप में महिला उद्यमियों की भूमिका पर जोर दिया।
एमएसएमई डीआई इंदौर के सहायक निदेशक, गौरव गोयल ने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने जीवन काल और प्रत्येक गतिविधि के लिए खर्च किए गए समय का विश्लेषण करें। उन्होंने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों में महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने पर जोर दिया।
सेमिनार में डॉ.रेणु जैन, डॉ. आशना जैन और पूजा जैन (संस्थापक – अंतर्राष्ट्रीय फाइन आर्ट अकादमी) ने भी देश के आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ वैश्विक लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में महिला उद्यमियों की भूमिका को रेखांकित किया।
वाइस प्रेसिडेंट- इंटरनेशनल बिजनेस प्रेस्टीज समूह ने अपने विचार रखते हुए कहा कि एमपी काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, युवाओं के सपनों को पूरा करने के लिए सरकार की पहल के बारे में जागरूकता पैदा करने का प्रयास कर रहा है।
इंदौर की प्रसिद्ध महिला उद्यमी और शांता फार्म की मालिक पल्लवी व्यास ने छात्रों से कहा कि वे अपनी बहन, दोस्त, मां या पत्नियों को उनके अनुकूल क्षेत्रों में काम करने के लिए प्रोत्साहित करें।
डॉ. भारती मलूकानी ने संगोष्ठी की रिपोर्ट पढ़ी। कार्यक्रम का संचालन डा. प्रियंका चावला ने किया। संगोष्ठी समन्वयक डा. सुखजीत मथारू ने धन्यवाद ज्ञापित किया।