इंदौर : बेसिक ड्रग डीलर्स एसोसिएशन, मप्र के महासचिव जेपी मूलचंदानी ने वाणिज्यिक कर आयुक्त लोकेश जाटव को पत्र लिखकर दवाइयों के निर्माण में मंगवाए जाने वाले कच्चे माल को लेकर नए नोटिफिकेशन में निहित विसंगति की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया है।
नोटिफिकेशन में एपीआइ के एचएसएन कोड को स्पष्ट लिखा जाए।
बेसिक ड्रग डीलर एसोसिएशन मप्र के महासचिव जेपी मूलचंदानी ने अपने पत्र में लिखा है कि 15 अप्रैल 2022 से लागू ई वे बिल प्रणाली में दवाइयों,सर्जिकल गुड्स व दवाइयों के कच्चे माल अर्थात एपीआई को मुक्त रखा गया है,परंतु जो नोटिफिकेशन जारी हुआ है, उसमें जो एचएसएन कोड लिखे हैं, वह केवल दवाइयों से संबंधित हैं। यह एचएसएन कोड, बेसिक ड्रग्स दवाइयों के कच्चे माल के नहीं हैं।
उन्होंने पत्र के जरिए वाणिज्यिक कर आयुक्त लोकेश जाटव से आग्रह किया है कि दवाइयों के कच्चे माल अर्थात एपीआई को भी प्रदेश में ई वे बिल प्रणाली से मुक्त रखा गया है। अतः एपीआई के एचएसएन कोड को भी इस नोटिफिकेशन में सम्मिलित किया जाए, जिससे व्यापारियों को माल के आवागमन में दिक्कत ना हो व ट्रांसपोर्टर्स भी परेशान ना हो। एपीआई के एचएसएन कोड न लिखने की वजह से कारोबारियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
श्री मूलचंदानी ने वाणिज्यिक कर आयुक्त से अनुरोध किया है की नोटिफिकेशन में एपीआई के एचएसएन कोड को भी स्पष्ट रुप से लिखा जाए, जिससे कोई भी भ्रांति ना हो।
वाणिज्यिक कर आयुक्त ने दिया विसंगति को दूर करने का आश्वासन।
मूलचंदानी ने बताया कि वाणिज्यिक कर आयुक्त ने उनके पत्र का जवाब देते हुए आश्वस्त किया है कि वे तमाम अधिकारियों के साथ विचार- विमर्श कर नोटिफिकेशन में एपीआई के एचएसएन कोड जुड़वाने का प्रयास करेंगे।