पुरुषोत्तम मास में भक्ति का फल दस गुना मिलता है- रामचरण दास महाराज

  
Last Updated:  September 29, 2020 " 02:57 pm"

इंदौर : भागवत श्रवण से हमारा दुःख विषाद नहीं, प्रसाद बन जाता है जबकि सुख पाकर व्यक्ति अभिमानी बन जाता है। मांगना ही है तो भगवान से उनकी कृपा, करुणा और प्रेम मांगें। पुरूषोत्तम मास में की गई भक्ति का फल दस गुना बढ़कर मिलता है।
बड़ा गणपति पीलियाखाल स्थित प्राचीन हंसदास मठ पर पुरूषोत्तम मास के उपलक्ष्य में चल रहे भागवत पारायण अनुष्ठान में महामंडलेश्वर स्वामी रामचरणदास महाराज ने यह प्रेरक विचार व्यक्त किए। मठ के पं. पवन शर्मा ने बताया कि पुरूषोत्तम मास के उपलक्ष्य में मठ स्थित भगवान रणछोड़जी की उपस्थिति में कई भक्तों ने घरों से दीप लाकर दीपदान का पुण्य लाभ उठाया। प्रारंभ में महामंडलेश्वर स्वामी रामचरण दास महाराज एवं पं. पवन शर्मा ने पारायण में शामिल 31 विद्वानों का स्वागत कर भागवतजी का पूजन किया। विद्वानों ने समूचे विश्व से कोरोना महामारी का नाश करने की प्रार्थना की। सोशल डिस्टेंस, मास्क एवं अल्कोहल रहित सैनेटाइजर का प्रयोग करते हुए भक्तों ने कतारबद्ध होकर विद्वानों का सम्मान किया। मठ पर यह अनुष्ठान प्रतिदिन सुबह 9 से 12 एवं दोपहर 3 से 6 बजे तक जारी है। विद्वानों ने सर्वतोभद्र मंडल, नवग्रह, शोडष मातिृका, दीप एवं कलश पूजन भी किया। पारायण के साथ ही प्रतिदिन गोपाल सहस्त्रनाम, विष्णु सहस्त्रनाम, गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ एवं मंडलों का नियमित अभिषेक पूजन भी हो रहा है। अनुष्ठान का सीधा प्रसारण मठ की फेसबुक पर भी किया जा रहा है।

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