पुलवामा: जम्मू- कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार शाम सीआरपीएफ के काफिले पर किये गए आतंकी हमले में शहीद होनेवाले जवानों की संख्या बढ़कर 42 तक पहुंच गई है। कई जवान गंभीर रूप से घायल हैं जिनका इलाज चल रहा है। 18 सितम्बर 2016 को उरी में हुए आतंकी हमले से भी ये बड़ा हमला है। उरी हमले में 18 जवानों की मौत हुई थी।
आतंकी संगठन जैश ने ली जिम्मेदारी।
पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली है। बताया जाता है कि जैश के आतंकी आदिल अहमद डार ने इस हमले को अंजाम दिया। उसने विस्फोटकों से भरा वाहन सीआरपीएफ के काफिले की एक बस से टकरा दिया। टक्कर होते ही जोरदार धमाका हुआ और बस के परखच्चे उड़ गए। इसके आगे- पीछे चल रही काफिले की बसों को भी भारी नुकसान हुआ। उनमें सवार कई जवान मौके पर ही शहीद हो गए। कुछ ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। अभी तक 42 जवान शहीद होने की जानकारी मिली है। जम्मू से श्रीनगर जा रहे सीआरपीएफ के इस काफिले में 70 से ज्यादा वाहन शामिल थे।
एनआईए करेगी जांच।
सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले की जांच एनआईए करेगी। उसका दल शुक्रवार को घटनास्थल पर पहुंचेगा।
आपात बैठक बुलाई।
इस बीच गुरुवार रात एक आपात बैठक केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर आहूत की गई। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सीआरपीएफ के डीजी भटनागर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकी हमले के बारे में विस्तृत जानकारी डीजी से प्राप्त की। आतंकियों को सबक सिखाने के उपायों पर भी बैठक में चर्चा की गई। गृहमंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को श्रीनगर पहुंचकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।