लखनऊ : पूर्व भारतीय क्रिकेटर और मंत्री चेतन चौहान का 73 साल की उम्र में निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमण से पीड़ित थे। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। भारत के लिए 40 टेस्ट खेलने वाले चौहान के परिवार में पत्नी और बेटा विनायक है। विनायक के मेलबर्न से भारत पहुंचने के बाद चेतन चौहान का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
चेतन चौहान के भाई पुष्पेंद्र चौहान ने कहा कि, ”मेरे बड़े भाई चेतन चौहान बीमारी से लड़ते हुए आज हमें छोड़कर चले गए। मैं उन सभी का शुक्रिया करना चाहूंगा जिन्होंने उनके ठीक होने के लिए प्रार्थना की। उनका बेटा विनायक किसी भी समय पहुंच जाएगा और फिर हम उनका अंतिम संस्कार करेंगे.”
11 जुलाई को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद चेतन चौहान को एसजीपीजीआई में एडमिट कराया गया था। इसके बाद उन्हें किडनी और ब्लड प्रेशर की समस्या शुरू हो गईं, जिसके बाद 15 जुलाई को उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में शिफ्ट किया गया था। बीच में दो बार चौहान की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद फिर पॉजिटिव आई थी।
सीएम योगी ने चौहान के निधन पर जताया दुःख।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने चेतन चौहान के निधन दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि ”पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी, मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी चेतन चौहान के असामयिक निधन का व्यथित कर देने वाला समाचार प्राप्त हुआ। प्रभु श्री राम, श्री चौहान के परिजनों को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति एवं दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें।
ॐ शांति.”
चेतन चौहान ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट से 1991 में अमरोहा में चुनाव लड़ा और वे वहां से सांसद चुने गए. इसके बाद एक बार फिर 1996 में भाजपा ने उन्हें इसी मैदान में चुनावी जंग के लिए उतारा, लेकिन इस बार वे हार गए. 1998 में चेतन चौहान एक बार फिर सांसद चुने गए. वहीं, साल 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन हार का सामना करना पड़ा. फिलहाल वे अमरोहा जिले की नौगांवा विधानसभा के विधायक थे.