इंदौर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से इंदौर के नवनिर्मित बायो सीएनजी प्लांट का लोकार्पण किया। इस अवसर पर इंदौर के देवगुराड़िया स्थित ट्रेंचिंग ग्राउण्ड में आयोजित कार्यक्रम को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “सर्कुलर इकोनॉमी और वेस्ट टू वेल्थ” के विजन और कचरा मुक्त शहर बनाने के मिशन के अनुरूप इंदौर का बायो सीएनजी प्लांट निर्मित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्लांट के माध्यम से प्रतिदिन 550 टन अलग किए हुए गीले जैविक कचरे को ट्रीट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह प्लांट जीरो लैंडफिल मॉडल पर आधारित है, जिससे कोई रिजेक्ट्स पैदा नहीं होंगी। सीएम शिवराज ने कहा कि इस प्लांट के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण तथा वायु गुणवत्ता में सुधार होगा और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी। उन्होंने बताया कि इस प्लांट के संचालन के लिए शुरूआती वर्षों में 21 प्रतिशत सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जाएगा, जिसे आगे आने वाले समय में और बढ़ा दिया जाएगा।
ऊर्जा उत्पादन में हो रहा सौर, वायु और बायो मास का उपयोग।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के पंचामृता सिद्धांत के तहत मध्यप्रदेश में सौर, वायु एवं बायो मास का उपयोग ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जा रहा है। इसी अभियान को एक नया स्वरूप इंदौर में स्थापित बायो सीएनजी प्लांट द्वारा दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इंदौर क्लीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड इस परियोजना को लागू करने के लिए बनाया गया एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) है, जिसे निजी सार्वजनिक भागीदारी मॉडल के तहत इंदौर नगर निगम (आईएमसी) और इंडो एनवायरो इंटीग्रेटेड सॉल्यूशंस लिमिटेड (आईईआईएसएल) द्वारा स्थापित किया गया था। इसमें आईईआईएसएल ने 150 करोड़ रुपये का 100 प्रतिशत पूंजी निवेश किया था। इंदौर नगर निगम इस संयंत्र द्वारा उत्पादित सीएनजी का न्यूनतम 50 प्रतिशत खरीदेगा और 400 सिटी बसें सीएनजी पर चलाएगा। सीएनजी की शेष बची मात्रा खुले बाजार में बेची जाएगी। यहां उत्पादित जैविक खाद, कृषि और बागवानी में रासायनिक उर्वरकों की जगह लेने में मदद करेगी।