बक्शी बाग की बावड़ी का नगर निगम कर रहा जीर्णोद्धार

  
Last Updated:  June 7, 2025 " 01:07 am"

जल स्रोतों के संरक्षण की दिशा में इंदौर नगर निगम की बड़ी पहल।

जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत शहर के 200 से अधिक प्राचीन जलस्रोतों की सफाई और सरंक्षण का कार्य जारी।

इंदौर: मध्यप्रदेश में संचालित जल-गंगा संवर्धन अभियान के तहत इंदौर नगर पालिक निगम द्वारा शहर के प्राचीन जल स्रोतों के संरक्षण एवं पुनरुद्धार का कार्य तेज़ी से किया जा रहा है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव के नेतृत्व में निगम अब तक 100 से अधिक पुरानी बावड़ियों और जल स्रोतों की सफाई व संरक्षण कर चुका है।

इसी क्रम में गुरुवार, 4 जून को क्षेत्र क्रमांक 3 के वार्ड 58 स्थित बक्शी बाग की लगभग 200 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक बावड़ी को पुनर्जीवित करने का कार्य प्रारंभ किया गया। यह बावड़ी वर्षों से उपेक्षा का शिकार रही है और जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थी। अब इसे नए स्वरूप में लाकर क्षेत्रवासियों के लिए उपयोगी बनाया जा रहा है।

इस मौके पर महापौर भार्गव ने कहा, “यह केवल सफाई का कार्य नहीं है, बल्कि इंदौर के भूजल संरक्षण की दिशा में एक ठोस पहल है। हमारा उद्देश्य वर्षा जल के संरक्षण और भूगर्भीय जल स्तर में वृद्धि करना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा राज्यव्यापी जल-गंगा संवर्धन अभियान प्रारंभ करने हेतु हम उनका आभार व्यक्त करते हैं।”
महापौर पुष्यमित्र भार्गव के साथ क्षेत्रीय विधायक गोलू शुक्ला, एमआईसी सदस्य अभिषेक शर्मा, पार्षद श्रीमती संगीता चौधरी, सुरेश टाकलकर, प्रशांत बडवे एवं नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे। सभी ने मिलकर विभिन्न जल संरक्षण स्थलों का दौरा किया और चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया।

महापौर ने बताया कि नगर निगम द्वारा जल भराव वाले स्थलों पर रिचार्ज शाफ्ट लगाने का कार्य भी किया जा रहा है, जिससे बारिश का जल फ़िल्टर होकर ज़मीन में समाहित हो सके। इस प्रक्रिया के तहत 200 से अधिक रिचार्ज शाफ्ट बनाए जा रहे हैं, जो न केवल जल संग्रहण बल्कि भूजल स्तर बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध होंगे।

महापौर भार्गव ने इंदौरवासियों से अपील की है कि वे जल संरक्षण अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं। उन्होंने कहा, “नगर निगम द्वारा छत का वर्षा जल ज़मीन में समाहित करने हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है। शहरवासी इस अभियान का हिस्सा बनकर जल संरक्षण की दिशा में अपना योगदान अवश्य दें।”नगर निगम का यह प्रयास न केवल इंदौर को जल संकट से उबारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि एक सतत और स्वच्छ जल भविष्य की आधारशिला भी रख रहा है।

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