बच्चों के हितों और सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों की कार्यशाला के जरिए दी गई जानकारी

  
Last Updated:  November 18, 2022 " 08:36 pm"

मुंबई की सामाजिक संस्था ने पुलिस अधिकारियों से साझा किए, बच्चों के लैंगिक शोषण और उनकी सुरक्षा से संबंधित, रिपोर्ट और अनुभव।

इन्दौर : बच्चों के लैंगिक शोषण, बाल अपराध निवारण, उनकी सुरक्षा व देखभाल तथा उनके बेहतर संरक्षण के उद्देश्य से शासन द्वारा विभिन्न कानूनी प्रावधान एवं योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसी कड़ी में इन्दौर पुलिस द्वारा बाल अपराधों एवं उनके शोषण की रोकथाम, संरक्षण व इससे संबंधित जागरूकता लाने हेतु समय-समय पर कार्यशाला व अन्य विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। गुरुवार, 17 नवंबर को इंदौर शहर की विशेष पुलिस किशोर ईकाई के अधिकारी और बाल कल्याण अधिकारियों के लिए कार्यशाला का आयोजन पुलिस के रानी सराय कार्यालय स्थित सभागार में किया गया।
इस कार्यशाला में अति. पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) प्रमोद सोनकर की विशेष उपस्थिति में सहायक पुलिस उपायुक्त (महिला सुरक्षा शाखा), मुंबई की सामाजिक संस्था अर्पण की सलाहकार निधि दुबे, सहित जिला इन्दौर के विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी तथा अन्य पुलिस के प्रशिक्षणार्थी अधिकारी/कर्मचारीयों ने भाग लिया।

कार्यशाला की शुरूआत करते हुए अति.पुलिस उपायुक्त मुख्यालय द्वारा बच्चों के हितों के लिए कार्यरत् संस्थाओं और विभिन्न कानूनी प्रावधानों के बारें में परिचयात्मक जानकारी दी गयी।

बच्चों के हितों का संरक्षण हमारा नैतिक कर्तव्य।

संस्था अर्पण की निधि दुबे ने कहा कि किसी भी देश व समाज का भविष्य बच्चे ही हैं। वर्तमान परिदृश्य में समाज में विभिन्न कारणों से कई विकृतियां आ रही हैं, जिसका सीधा असर हमारे नौनिहालों पर पड़ता है। अतः इन विकारों से बच्चों को बचाते हुए उनके हितों की रक्षा और संरक्षण हम सभी का नैतिक कर्तव्य है। समाज के सभी वर्गो के साथ पुलिस/प्रशासन व न्यायपालिका की भूमिका इस मामले में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होनें बच्चों के लैंगिक शोषण और उनके संरक्षण हेतु बनाए गए कानूनों एवं इनके क्रियान्वयन में पुलिस व प्रशासन की भूमिका के संबंध में चर्चा की।

उपस्थित अतिथियों एवं पुलिस अधिकारियों ने कहा कि, बच्चें अपराधिक जगत में प्रवेश न करे और उनके साथ कोई अपराध हो तो हम क्या करें व क्या नहीं, ये ही हमें बच्चों के लिए बनाए गए नए कानून सिखाते है। अतः हमें बच्चों के संरक्षण के लिए उनको पारिवारिक माहौल प्रदान कर, उनकी समस्याओं को सुनना व समझना है। बाल अपराध को रोकने, उनके विरुद्ध होने वाले लैंगिक शोषण पर रोक लगाने और कमजोर वर्ग के बच्चों के पुनर्वास के लिए किए जाने वाले प्रयासों, बाल भिक्षावृत्ति एवं बाल श्रम की रोकथाम हेतु उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों पर भी चर्चा की गयी।

कार्यशाला का संचालन उप निरीक्षक शिवम ठक्कर द्वारा किया गया। आभार निरीक्षक राधा जामोद ने माना।

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