बिजली बिलों के मामले में शिवराज सरकार ने जनता से की धोखाधड़ी

  
Last Updated:  October 26, 2023 " 06:57 pm"

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा का आरोप।

अडानी के मामले में दिया अजीब तर्क, राजस्थान में अडानी का निवेश सही, केंद्र सरकार पहुंचा रही अतिरिक्त लाभ।

इंदौर : चुनावी मौसम में नेताओं का इंदौर आगमन लगातार जारी हैं इसी कड़ी में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने गुरुवार को इंदौर प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता के जरिए अपनी बात रखी। उन्होंने बीजेपी की शिवराज सरकार पर कई आरोप लगाए। उन्हें दलित, आदिवासी और महिला विरोधी करार दिया। अलका लांबा ने शिवराज सरकार को घेरते हुए कहा कि सीएम शिवराज ने बिजली के मामले में उपभोक्ताओं के साथ धोखा किया है। बिजली कंपनियों ने लूट मचा रखी है। उन्होंने जातिगत जनगणना, किसान कर्ज माफी सहित कांग्रेस के वचन पत्र में निहित मुद्दों पर भी बात रखी। अयोध्या में श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा, सनातन धर्म को लेकर भी लांबा ने कांग्रेस का पक्ष रखा। अडानी,अंबानी को निशाना बनाने पर जब उनसे सवाल किया गया की अडानी अनैतिक तरीके से कारोबार कर रहे हैं तो राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार उनसे राज्य में 65 हजार करोड़ का निवेश क्यों करवा रही है..? इसपर उनका जवाब बड़ा ही मासूमियत भरा था। उनका दावा था कि राजस्थान में अडानी पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं जबकि केंद्र सरकार उन्हें अनुचित लाभ पहुंचा रहे हैं।

शिवराज ने बोला झूठ, बिजली बिलों की जारी है लूट ।

आम आदमी पार्टी से कांग्रेस में आने वाली अलका लांबा ने मप्र में बीजेपी की शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने खासकर बिजली बिलों को लेकर शिवराज सरकार को घेरते हुए कहा कि जनता को बिजली बिलों से राहत देने की उनकी घोषणा झूठी साबित हुई है। सीएम शिवराज ने बुंदेलखंड के नौगांव में एक कार्यक्रम में जनता से वादा किया था कि एक किलोवॉट कनेक्शन के बढ़े हुए बिजली के बिल माफ किए जाएंगे अर्थात उन्हें सरकार भरेगी पर शिवराज सरकार ने जनता के साथ धोखा किया और बिजली बिलों की राशि को माफ करने की बजाय स्थगित कर दिया। याने उपभोक्ताओं को एक रुपए की भी राहत नहीं मिली।

भार एक से बढ़ाकर दो किलोवॉट कर दिया।

अलका लांबा ने कहा कि शिवराज सरकार यहीं नहीं रुकी, प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों ने 80 से 90 प्रतिशत उपभोक्ताओं का भार बिना उन्हें बताए दो किलोवॉट कर दिया ताकि उन्हें तात्कालिक रूप से बिल स्थगित करने का भी लाभ न मिल सकें।

कमलनाथ सरकार ने दी थी 150 यूनिट तक बिजली बिलों में राहत।

अलका लांबा ने दावा से किया कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने 150 यूनिट तक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को राहत दी थी जिससे एक करोड़ 15 लाख उपभोक्ता लाभान्वित हुए थे पर शिवराज सरकार ने वह योजना ही बंद कर दी।अब कांग्रेस की सरकार आई तो सौ यूनिट माफ और दो सौ यूनिट हाफ हो जाएगा। किसानों को भी 5 हॉर्स पॉवर तक की मोटर का उपयोग करने पर कोई बिल नहीं देना होगा।

आईटी और ईडी के छापों से डरनेवाले नहीं।

कांग्रेस की प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार आईटी और ईडी के छापे डलवाकर विपक्षी नेताओं को डराना चाहती है पर हम किसी भी कीमत पर डरने वाले नहीं है।

अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का स्वागत।

आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए उसका स्वागत किया और कहा कि श्रीराम मंदिर न्यास को कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी आमंत्रित कर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों से पूजन करवाना चाहिए। लगे हाथ उन्होंने बीजेपी को दलित, आदिवासी विरोधी भी करार दे दिया।

रंजना बघेल के आरोप का जवाब दे कैलाश विजयवर्गीय।

अलका लांबा ने आदिवासी नेत्री रंजना बघेल का टिकट काटने के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि आदिवासियों के साथ बीजेपी का हमेशा से यही रवैया रहा है।रंजना बघेल ने जो आरोप कैलाश विजयवर्गीय पर लगाए हैं, उसका उन्हें जवाब देना चाहिए।

गौतम अडानी राजस्थान में ईमानदार.. दिल्ली में बेईमान..!

अडानी, अम्बानी को केंद्र सरकार द्वारा अतिरिक्त लाभ पहुंचाने का आरोप लगाने वाली अलका लांबा से जब सवाल किया गया की अडानी अनैतिक ढंग से कारोबार करते हैं तो राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार ने उनके लिए लाल कालीन क्यों बिछाया, जहा वे 65 हजार करोड़ का निवेश कर रहे हैं। इसपर अलका लांबा का जवाब हैरत भरा था। उनका कहना था कि राजस्थान में अडानी को पारदर्शी तरीके से टेंडर बुलाकर काम दिए गए हैं। वहां वे ईमानदारी से काम कर रहे हैं जबकि केंद्र की मोदी सरकार अडानी को अनैतिक तरीके से लाभ पहुंचा रही है। उनका ये भी आरोप था कि मोदी सरकार ने हालात ऐसे बना दिए हैं की राज्य सरकारों को अंबानी, अडानी से काम करवाना मजबूरी बन गई है।

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